ऑय 1 न्यूज़ अमित सेठी 6 अगस्त 2022 चंडीगढ़ विश्व के प्रथम मात पिता मन्दिर’ का निर्माण कार्य जोरों शोरों पर 2025 में हो जाएगा तैयार मात्र 8 महीने में लगभग 20 हज़ार स्क्विर फ़िट की बेसमेंट का पहला लेंटर डलकर हो चूका है तैयार चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर दी इसकी जानकारी मोहाली जिले के बनूड़-अंबाला मार्ग पर गांव खल्लौर में मात-पिता मंदिर का निर्माण कार्य जोर शोर से चल रहा है। साल 2025 में विश्व के इस प्रथम और एकमात्र मात-पिता मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा ।
शुक्रवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बोलते हुए मंदिर का निर्माण करने वाले एनजीओ, मात पिता गौधाम ट्रस्ट (एमपीजीडी) के संस्थापक ज्ञान चंद वालिया ने कहा कि समस्त मात – पिता गौधाम परिवार की यथा मेहनत व सभी के सहयोग से मात्र 8 महीने में लगभग 20 हज़ार स्क्विर फ़िट की बेसमेंट का पहला लेंटर डलकर तैयार हो चूका है आगे काम बहुत तेजी से चल रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि इसी सन्दर्भ में भजन सम्राट श्री कंचन कुमार (आस्था चैनल ) व संगीता आर्य का प्रोग्राम ‘सांभ लो मापे , रब्ब मिलजु आपे’ जिसका उद्देश्य अपने माता – पिता को संभालो , प्रभु अपने आप मिल जायेंगे 7 अगस्त दिन रविवार को शाम 5 बजे से 8 तक ( तत्पश्चात भण्डारा ) अग्रवाल भवन सैक्टर – 16 , पंचकूला में रखा गया है जिसके मुख्य अतिथि – जाने माने समाज सेवी श्री जगमोहन गर्ग जी होंगे।
ज्ञान चंद वालिया ने कहा कि यह मन्दिर माता-पिता को समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि मंदिर में कोई प्रतिमा न हो कर श्रद्धालु माता पिता में ही भगवान होने का एहसास करेंगे। मात पिता गौधाम ट्रस्ट को ज्ञान चंद वालिया जिन्हें गौचर दास ज्ञान के नाम से जाना जाता है, द्वारा 2011 में स्थापित किया गया था। गौधाम परिसर जहां मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, 10 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है।
ज्ञान चंद वालिया ने कहा कि मात पिता मंदिर का उद्देश्य घर-घर में माता-पिता का सम्मान के बारे में जागरूकता फैलाना के अलावा गाय माता के आध्यात्मिक लाभों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उन्होंने आगे बताया कि हम सबके लिए माता-पिता ही हमारे भगवान होते हैं , इनसे से बड़ा कोई नहीं है। जो आशीष ये दिल दे दें वह अवश्य ही पूर्ण होता है । वे वही हैं जो अपने बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं। वे अपने बच्चों के लिए अपने आराम और खुशी को त्याग देते हैं ताकि वे अपने जीवन में सफल हो सकें ,उन्होंने कहा।
सभी समुदाय व धर्मों के लिए ‘मात पिता मन्दिर’ पूरी तरह से माता-पिता के लिए समर्पित होगा जहां उनकी पूजा और सम्मान किया जाएगा ,उन्होंने कहा।
मंदिर का भूमि पूजन 10 अप्रैल 2019 को किया गया था और यह श्रद्धालुओं द्वारा दान किए गए फंड्स से किया जा रहा है। इस बीच मंदिर को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से विश्व के प्रथम और एकमात्र ‘मात पिता मन्दिर’ का प्रमाण पत्र भी मिला है।