ऑय 1 न्यूज़ 16 जनवरी 2019 (रिंकी कचारी) मोदी सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को साइनस की समस्या के चलते सोमवार की रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, 64 वर्षीय रविशंकर प्रसाद बीती रात 8 बजे अस्पताल पहुंचे। उन्हें पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया गया है, जहां अस्पताल प्रशासन उनकी देखरेख में है।
साइनस खोपड़ी में हवा भरी हुई कैविटी होती है, जो सिर को हल्कापन व श्वास वाली हवा लाने में मदद करती है। सांस लेने में अंदर आने वाली हवा इस थैली से होकर फेफड़ों तक जाती है। इस थैली में हवा के साथ आई गंदगी यानी धूल और दूसरे तरह की गंदगियों को रोकती है और बाहर फेंक दी जाती है। साइनस का संक्रमण होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण हवा की जगह साइनस में मवाद या बलगम आदि भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। ये समस्या आमतौर पर सर्दियों में बढ़ जाती है।
दो तरह के होते हैं साइनस
साइनस दो तरह के होते हैं। थोड़े समय तक रहने वाले साइनस को गंभीर (एक्यूट) साइनस कहते है। गंभीर साइनस आमतौर पर सर्दी या एलर्जी के कारण होता है। लेकिन साइनस के लक्षण आठ सप्ताह या इससे अधिक तक रहने पर क्रोनिक साइनस होता है। साइनस के कई लक्षण एक्यूट और क्रोनिक दोनों में आम होते हैं। संक्रमण के सही कारणों का पता लगाने के लिए और सही इलाज के लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
साइनस के लक्षण
साइनस की वजह से माथे पर, गालों व ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है। सिरदर्द आगे झुकने व लेटने से और बढ़ जाता है।
कई बार तो नाक बंद होना, थकान, सर्दी के साथ बुखार, चेहरे पर सूजन व नाक से पीला या हरे रंग द्रव्य बहना आदि लक्षण होते हैं। इसे साइनोसाइटिस कहा जाता है। साइनस एक स्वास्थ्य समस्या है जिसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि कुछ एहतियात व घरेलू नुस्खों की मदद से इसके लक्षणों से राहत पायी जा सकती है।
साइनस का उपचार
यदि आपके पास एक साधारण साइनस संक्रमण है, तो आपका डॉक्टर आपको सर्दी खांसी की दवा और खारे पानी से नाक धोने की सलाह दे सकता है। हालाँकि, आपको 3 दिनों से अधिक समय के लिए एक ओवर-द-काउंटर डिकॉन्गेस्टेंट का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह आपके लिए सही नहीं है। साइनस के लिए आप डॉक्टर की सलाह के बगैर कुछ भी न करें। साइनस से बचाव और घरेलू उपचार
संक्रमण के दौरान कम मात्रा में खाएं। ऐसे में साबुत अनाज, सेम, दाल, हल्की पकायी सब्जियों, सूप, आदि का सेवन करें। बलगम बनाने वाले खाद्य पदार्थों जैसे, फ्लोर प्रोडक्ट्स, अंडे, चॉकलेट, तला हुआ और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, चीनी और डेयरी उत्पादों आदि के सेवन से बचें। साथ ही खूब सारा पानी पियें।
साइनस का पहला संकेत महसूस होते ही लगभग 180ml पानी में 1-2 चम्मच अनफ़िल्टर्ड सेब साइडर सिरका और 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3 बार 5 दिनों तक लें। सेब साइडर सिरका बलगम को तोड़ता है, जिससे वह आसानी से बाहर आ जाता है।
साइनस एक श्वास संबंधी समस्या है। इस प्रकार की समस्याओं से राहत पाने के लिए, थोड़ा काला जीरे के बीज ले और उन्हें एक पतले कपड़े में बांधे। तुरंत राहत पाने के लिए थोड़ी देर इस कपड़े के माध्यम से सांस लें। ऐसा करने से साइनस के दर्द से राहत मिलती है।
अपनी नाक और आंखों के चारों ओर जैतून का तेल की हल्के से मसाज करें। यह आपकी नाक की रुकावट को साफ करने मे मदद करता है और साइनस के दर्द को भी कम करता है।