ऑय 1 न्यूज़ 25 दिसम्बर 2018 (रिंकी कचारी) बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने रुचि सोया को खरीदने में एक बार फिर से दिलचस्पी दिखाई है.अहम बात ये है कि यह डील पहले गौतम अडानी की कंपनी की थी.
बाबा रामदेव बाबा रामदेव…योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने एक बार फिर से उस डील में दिलचस्पी दिखाई है, जिसे गौतम अडानी की कंपनी ने अपने नाम कर लिया था. यह डील एडिबल ऑयल मेकिंग कंपनी रुचि सोया की है. दरअसल, गौतम अडानी की कंपनी अडानी विल्मर ने अगस्त में रुचि सोया को खुली बोली प्रक्रिया के जरिए खरीदा था.
अब खरीदने से इनकार
अडानी विल्मर ने यह डील करीब 6 हजार करोड़ रुपये में की थी, लेकिन अभी नेशलन कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मंजूरी नहीं मिली है. इन सबके बीच अडानी विल्मर ने खरीद प्रक्रिया में देरी बताते हुए रुचि सोया को खरीदने से इनकार कर दिया है. हाल ही में अडानी विल्मर ने बिक्री प्रक्रिया देख रहे विशेषज्ञ और कर्जदाताओं को पत्र लिखकर कहा है कि वह बिक्री प्रक्रिया में देरी के कारण इस सौदे से पीछे हट रही है. यहां बता दें कि अडानी विल्मर भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और सिंगापुर की कंपनी विल्मर इंटरनेशनल का ज्वॉइंट वेंचर है.
पतंजलि ने दिखाई दिलचस्पी
अडानी विल्मर के इनकार के बाद एक बार फिर से पतंजलि ने रुचि सोया को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. पतंजलि के प्रवक्ता एस.के.तिजारावाला ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा , ‘‘हां, हमें दिलचस्पी है. यदि हमें मंजूरी मिली तो हम रुचि सोया का अधिग्रहण करने के लिये तैयार हैं.’’ बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद रुचि सोया की बिक्री प्रक्रिया में दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी रही थी. हालांकि अडानी विल्मर ने बाजी मार ली थी.
रुचि सोया के बारे में
रुचि सोया के पास कई बैंकों के पैसे फंसे हैं. एसबीआई का सबसे ज्यादा 1822 करोड़ रुपये फंसा हुआ है. वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 824 करोड़ और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का 607 करोड़ जबकि डीबीएस बैंक का 242 करोड़ रुपये फंसा है. बता दें कि रुचि सोया के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश बैंकों को दिया है.