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डायबिटीज की जांच अब बिना दर्द के संभव, वैज्ञानिकों ने ईजाद की ये नई तकनीक

ऑय 1 न्यूज़ 8 जनवरी 2019 (रिंकी कचारी) स्वीडन के शोधार्थियों ने मधुमेह पीड़ित लोगों के लिए एक माइक्रोनीडल पैच डिजाइन किया है, जिससे आप दर्द महसूस किए बिना पूरे दिन अपने ग्लूकोज स्तर की जांच कर पाएंगे। लगातार जांच रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करने का सुरक्षित और असरदार तरीका है। यह नया शोध उपयोगकर्ताओं को दिनभर अपने ग्लूकोज स्तर की पूरी जानकारी और गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया से बचने में मदद करेगा।

लेकिन इस समय उपयोग किया जाने वाला ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम (सीजीएमएस) असहज करनेवाला है, क्योंकि इसमें त्वचा में न्यूनतम 7 मिमी की सुई डालने की जरूरत होती है। अपने आकार के कारण यह केवल वसा ऊतक का ही माप लेती हैं जो सबसे आदर्श स्थान नहीं है।
स्वीडन में केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया नया उपकरण इससे 50 गुना छोटा है। वहीं, इस उपकरण को बाजू में लगाने पर पैच के संयोजन और अत्यंत छोटे तीन इलेक्ट्रोड एंजाइमैटिक सेंसर रक्त शर्करा के स्तर को सही और गतिशील रूप से ट्रैक करने में सक्षम पाए गए।

संस्थान में इस अध्ययन के शोथार्थी फेडेरिको राइब ने बताया, “हमारा शोध उपयोगकर्ताओं को बिना दर्द पहुंचाए सेवा देने पर केंद्रित है। हम सीधे त्वचा में मौजूद बहुत छोटे रक्त वाहिकाओं के एक समूह को मापते हैं और इसमें कोई तंत्रिका रिसेप्टर्स नहीं हैं।”डायबिटीज में नियमित जांच जरूरी
जो लोग डायबिटीज से पीड़ित होते हैं उन्हें समय समय पर ग्लूकोज की जांच जरूर करा लेनी चाहिए। क्योंकि यदि डायबिटीज के मरीज का ग्लूकोज स्तर बढ़ता है तो रोगी के लिए ये बहुत खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही खून की जांच भी मधुमेह रोगियों के लिए जरूरी है इससे पता चलता है कि किडनी ठीक ढंग से काम कर रही हैं या नहीं। मधुमेह में किडनी पर काफी प्रभाव पड़ता है। नियमित जांच से रोगी को किडनी की समस्या से दूर रखता है।
कोलेस्ट्रोल की जांच कोलेस्ट्रोल को नजरअंदाज करना भी बहुत महंगा पड़ सकता है। क्योंकि मधुमेह रोगियों में कोलेस्ट्रोल बढ़ने पर हृदय रोग का खतरा दुगुना हो जाता है। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा खराब कोलेस्ट्रोल को गति को धीमा कर सकती है जिसकी वजह से वह चिपचिपा हो जाता है और यही कारण है जिससे कोलेस्ट्रोल तेजी से बनने लगता है। बैड कोलेस्ट्रोल रक्‍त की धमनियों में जम जाता है और हृदय से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है।

ब्लड प्रेशर की जांच हाई ब्लड प्रेशर ‘साइलेंट किलर’ के समान है। मधुमेह रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर काफी घातक साबित हो सकता है। मधुमेह में हाई ब्लड प्रेशर होने से हृदय रोग, हृदयघात, किडनी व आंखों की समस्या भी हो सकती है। इन सबसे बचने के लिए जरूरी है कि आप ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं।

पैरों की जांच मधुमेह में रोगियों को पैरों की समस्या हो सकती है। मधुमेह में पैरों की कोई भी समस्या होने पर इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इसमें पैरों की संवेदनशीलता धीरे धीरे कम होने लगती है। इसलिए पैरों में लगने वाली छोटी से छोटी चोट, संक्रमण रोगियों के लिए खतरनाक हो सकती है।आंखों की जांच जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर लंबे समय तक बढ़ा हुआ रहता है तो इसका सीधी असर रेटिना पर पड़ता है। इसे रेटिनोपेथी कहते हैं। आंखों को होने वाले नुकसान आसानी से नहीं पता चलता है इसके लिए रोगी को नियमित जांच करना जरूरी है। अगर रेटिनोपेथी का ज्लद इलाज नहीं किया गया तो रोगी अंधा भी हो सकता है। कई बार मधुमेह रोगी को धुंधला दिखाई देता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करें।

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