asd
Wednesday, December 11, 2024
to day news in chandigarh
HomeUncategorizedअब मोदी सरकार बेरोजगारों को देगी 'सैलरी', इन देशों में पहले से...

अब मोदी सरकार बेरोजगारों को देगी ‘सैलरी’, इन देशों में पहले से है लागू

ऑय 1 न्यूज़ 28 दिसम्बर 2018 (रिंकी कचारी) अब मोदी सरकार नए साल में बेरोजगारों को एक खास तोहफा देने की तैयारी में है. इसके तहत बेरोजगारों को एक निश्चित रकम दी जा सकती है.हालांकि यह व्‍यवस्‍था विदेशों में पहले से लागू है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार UBI यानी यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम को देशभर में लागू कर देगी. इस योजना के लागू होने के बाद किसान, व्यापारी और बेरोजगार युवाओं को हर महीने 2,000 से 2,500 रुपये तक की निश्चित रकम मिलेगी. मोदी सरकार का यह प्‍लान गेमचेंजर साबित हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि बेरोजगारों को पैसे देने की यह योजना पहली बार किसी देश में लागू होगा . फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों में इस तरह की योजनाएं सालों से चल रही हैं. आज हम आपको इस रिपोर्ट में कुछ ऐसे ही देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां इस तरह की योजना लागू है.

फ्रांस

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप के देशों में फ्रांस ऐसी जगह है, जहां बेरोजगारों को सबसे ज्‍यादा सुविधाएं मिलती हैं. अगर 2017 के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां बेरोजगारों को सरकार सालाना करीब 7 हजार यूरो (5.6 लाख के करीब) की मदद करती है. यानी महीने के हिसाब से 46 हजार रुपये का भत्‍ता मिलता है. हालांकि बेरोजगारों को भी कुछ शर्तों के साथ यह भत्‍ता मिलता है.

जर्मनी

इसी तरह जर्मनी में भी कई स्‍तर पर बेरोजगारों को पेमेंट दी जाती है. अकेले रहने वाला बेरोजगार तकरीबन 390 यूरो प्रति माह (करीब 30 हजार रुपये) ले सकता है. हालांकि बेरोजगार शख्‍स तीन माह तक काम नहीं ढूंढता है तो उनका पेमेंट अपने आप 30 फीसदी तक घटा दि‍या जाता है.

आयरलैंड

आयरलैंड में बेरोजगारों को मिलने वाली सुविधाएं हासिल करने के लिए कई कड़े नियम हैं. मसलन, आपको कम से कम 7 दिन तक बेरोजगार होना चाहि‍ए. इसके अलावा डि‍पार्टमेंट ऑफ सोशल प्रोटेक्‍शन को यह बताना होगा कि आप‘काम के लि‍ए सक्षम’ हैं. इसके अलावा आपका सोशल इंश्योरेंस में कंट्रीब्‍यूशन भी होना चाहि‍ए.

इटली

रिपोर्ट के मुताबिक इटली में बेरोजगारी दर 12.9 फीसदी है. इटली सरकार ने 2013 में बेरोजगार बेनेफि‍ट्स को बदल दि‍या था. अब बेरोजगारों को कुछ शर्तों के साथ यहां 1,180 यूरो प्रति माह (करीब 90 हजार रुपये) मिलते हैं. वहीं, जापान में शारीरिक या लर्निंग वि‍कलांगता के साथ-साथ मानसिक स्वास्‍थ्‍य ठीक नहीं होने की स्‍थि‍ति में सरकार मदद करती है. जापान में यह रकम करीब 153 पाउंड प्रति माह (करीब 15 हजार रुपये) है.

भारत में कहां से आया आइडिया

कुछ ऐसा ही यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्‍कीम मोदी सरकार लागू कर सकती है. इस स्‍कीम का सुझाव सबसे पहले लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने दिया था. इनकी अगुवाई में मध्य प्रदेश के इंदौर में 8 गांवों में पांच साल के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया. प्रयोग के तहत इन गांवों की 6,000 की आबादी को फायदा पहुंचाया गया. इन गांव वालों को 500 रुपये खाते में हर महीने डाले गए. वहीं बच्चों के खाते में 150 रुपये जमा कराए गए. भारत में इस स्कीम के तहत करीब 10 करोड़ लोग शामिल हो सकते हैं. साल 2016-17 के आर्थिक सर्वे में सरकार को इस स्कीम को लागू करने की सलाह दी गई थी.

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments