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Friday, November 22, 2024
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केजरीवाल बोले- मोदी-शाह ने 5 साल में बेड़ा गर्क किया, देश बचाना जरूरी

आई 1 न्यूज़ चंडीगढ़, 25 फरवरी:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मामले पर आजतक के अंकित त्यागी से खास बातचीत की. केजरीवाल इस मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास पर जा रहे हैं. उनके इंटरव्यू की खास बातें-अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 70 सालों से दिल्ली के लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है. 1949 में पूरे देश में जनतंत्र आया, लेकिन दिल्ली के साथ ऐसा नहीं है. यहां के लोग अपनी सरकार तो चुनते हैं, लेकिन सरकार के पास ताकत ही नहीं है शीला दीक्षित, मदन लाल खुराना या साहिब सिंह वर्मा के पास भी पूरी ताकत नहीं थी. मदनलाल खुराना ने विधानसभा में कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की ताकत एक चपरासी के बराबर भी नहीं है. यह बयान दर्ज है. उन्होंने भी पूर्ण राज्य के लिए आवाज उठाई थी. अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का कानून लेकर आए थे, लेकिन संसद का कार्यकाल पूरा हो गया तो कानून भी खत्म हो गया था. शीला दीक्षित भी 15 साल तक इसके लिए आवाज उठाती रहीं. शीला जी के पास ज्यादा ताकत थी. वह दिल्ली के किसी भी अधिकारी का ट्रांसफर कर सकती थीं. वह तय कर सकती थीं कि दिल्ली का एजुकेशन, हेल्थ और चीफ सेक्रेटरी कौन बनेगा. हमारी सरकार बनने के 3 महीने बाद मोदी सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके हमसे सारी ताकत छीन ली. अब ये काम केंद्र सरकार तय करती है. अब मनीष सिसोदिया अच्छा काम करते हैं तो केंद्र सरकार एजुकेशन सेक्रेटरी को बदलकर सबसे भ्रष्ट आदमी को वहां बैठा देती है. इन सबके बावजूद हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के क्षेत्र में क्रांतिकारी फैसले किए, जो 70 साल में किसी भी सरकार ने नहीं लिए. किसी राज्य में 15 साल की सरकार में भी इतने काम नहीं हुए, जितने हमने चार साल में काम किए. हमारे पास जितनी ताकत थी, हमने उससे ही काम किया. जिस दिन दिल्ली पूर्ण राज्य मिला, दिल्ली के हर परिवार को दस साल में एक-एक घर दे देंगे. दिल्ली को बिल्डर माफिया से मुक्त कर दिया जाए तो सबको घर मिल सकता है. दिल्ली में सालों से यूनिवर्सिटी नहीं बनी. हमने मोदी सरकार से कहा था कि हमें कॉलेज खोलने हैं, यूनिवर्सिटी बनाने की इजाजत दी जाए. तीन साल में कोई फैसला नहीं हुआ. आज दिल्ली में 95 फीसदी नंबर लाने वाले बच्चों के मां-बाप परेशान हो जाते हैं, क्योंकि यहां पढ़ने के लिए कॉलेज ही नहीं हैं. हम दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाना चाहते थे, तीन साल तक मोदी सरकार फाइल लेकर बैठ गई थी. मैं लड़कर फाइल साइन करवाकर लाया. अगले हफ्ते से दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगने वाले हैं. मनीष सिसोदिया को फाइल साइन कराने के लिए एलजी के घर पर धरना देना पड़ा. वह अपने बच्चे का एडमिशन करवाने या नौकरी के लिए वहां नहीं गया था. देश की मजबूरी है बीजेपी को हराना जरूरी है. हम कुछ भी सत्ता के लिए नहीं कर रहे हैं. हमारा बस एक ही लक्ष्य है कि अमित शाह और मोदी का हराना. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं हो रहा है ऐसा मुझे लगता है. अगर हम दोनों साथ आते तो बीजेपी वाइप आउट हो जाती लेकिन अभी हम कड़ी टक्कर देंगे. आज देश के लिए अगर आम आदमी पार्टी बंद करनी पड़े तो मैं बंद कर दूंगा. मैं शुगर का पेशेंट हूं फिर भी उपवास पर बैठ रहा हूं यानी जान दांव पर लगा रहा हूं. अमित शाह और मोदी को हराने के लिए कोई भी प्रधानमंत्री बन जाए यह महत्वपूर्ण नहीं है. आज दिल्ली में दो लाख नौकरी निकल सकती है, लेकिन यह मेरे हाथ में नहीं है. मोदी सरकार के हाथ में है. अगर दिल्ली पूर्ण राज्य बन जाए तो मैं दो लाख लोगों को तुरंत सरकारी नौकरी दे सकता हूं.

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