ऑय 1 न्यूज़ 8 जनवरी 2019 (रिंकी कचारी) लोकसभा चुनाव 2019 के मैदान में एक और पार्टी कूदने को तैयार हो गई है क्योंकि सुखपाल खैरा ने नई सियासी पार्टी का एलान कर दिया है। मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करके सुखपाल खैरा ने पंजाबी एकता पार्टी बनाने की घोषणा कर दी। साथ ही शुरुआती संगठनात्मक ढांचे के बारे में भी बताया। इस मौके पर ‘आप’ के बाकी 6 विधायक भी पहुंचे। हालांकि वे स्टेज पर नहीं आए, लेकिन उन्होंने कहा कि वे बधाई देने आए हैं।
खैरा ने दावा किया कि उनकी पार्टी एक मजबूत क्षेत्रीय ताकत बन कर उभरेगी। परंपरागत पार्टियां दशकों से लोगों के मुद्दों को दरकिनार कर लूटखसोट में लगी हैं। हम लोगों को तीसरा विकल्प देंगे। भगवंत मान कह रहे हैं कि सीट क्यों नहीं छोड़ते। जब पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया तो सीट तो छोड़ी ही जा चुकी है। खैरा ने कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व में सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था, बाकी 97 के हारने की जिम्मेदारी किसकी है। भुलत्थ हलके की सियासत में उनका परिवार आधी सदी से सक्रिय है, लोगों ने उनके किरदार पर वोट दिए हैं।
आपको बतादे की खैरा ने कहा कि हरपाल चीमा ज्यादा बोल रहे हैं, अगर 1-2 एमएलए और चले गए तो एलओपी का पद भी जाएगा। खैरा ने कहा कि उनकी सदस्यता पर स्पीकर जो फैसला करेंगे, वह तैयार हैं, चुनाव से नहीं भागते।
मास्टर बलदेव के इस्तीफे की चर्चाओं पर खैरा ने कहा कि अभी नहीं दिया है। अगर आप को एलओपी पद गवांकर शांति मिलती है तो दिला देते हैं। इन्हें नजर नहीं आ रहा, पर वह नहीं चाहते कि किसी गलती से एलओपी पद सुखबीर को मिल जाए।
उनके गुट के सात विधायक हैं, पर वह बेवजह उप चुनाव नहीं चाहते। मनीष सिसोदिया पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि बाकी सब लोग पद के लालच में आए थे, सिर्फ इन लोगों को पद नहीं चाहिए। केजरीवाल संविधान में संशोधन कर लगातार तीसरी बार कन्वीनर बने हैं, सीएम भी हैं।