आई 1 न्यूज़ 14 मई 2018 अगर सिर्फ़ चिदम्बरम के पास इतना काला धन तो बाक़ी कांग्रेसी नेताओं की सम्पत्ति का अंदाज़ा लगाना नामुमकिन:अनुराग ठाकुर कांग्रेसी नेताओं के घोटालों ने किया देश की अर्थव्यवस्था का बँटाधार:अनुराग ठाकुर हमीरपुर सांसद श्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी॰ चिदंबरम के ख़िलाफ़ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा दायर की गई चार्जशीट को कांग्रेस का असली चेहरा बताते हुए चिदम्बरम के ऊपर अपने पद का दुरुपयोग और देशवासियों को धोखा देने की बात कही है।
श्री अनुराग ठाकुर ने कहा”कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे श्री पी.चिदंबरम जी ने विदेशों में अपनी सम्पत्ति का ख़ुलासा ना करके ना सिर्फ़ अपने पद की गरिमा का हनन किया है बल्कि देशवासियों को भी छला है।चिदंबरम ने आयकर रिटर्न में ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में 5.37 करोड़ की संपत्ति की सूचना नहीं दी, ब्रिटेन में एक अन्य जगह 80 लाख और अमेरिका में 3.28 करोड़ की संपत्ति का ब्यौरा भी छुपाया।चिदम्बरम ने विदेशों में साढ़े नौ करोड़ से भी ज़्यादा की सम्पत्ति छुपा रखी है।।साफ़ दिख रहा है कांग्रेसी नेता खाते देश तो की हैं मगर जमा करने के लिए विदेशों के चक्कर लगाते हैं”
आगे बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा”“चिदम्बरम जी ने विदेशों में अपनी सम्पत्ति का ख़ुलासा ना करके इंपोज़िशन ऑफ टैक्स एक्ट 2015 का उल्लंघन किया है।इस से साफ़ होता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने काले धन पर एसआईटी क्यों नहीं बनाई। वह अपने आप को कैसे फंसा सकते थे।राहुल गांधी जी बार बार 15 लाख रुपयों की बात करते हैं,क्या ये जनता को इशारा है कि चिदम्बरम जी के काले धन में से 15-15 लाख रुपए बाँट लो”
श्री अनुराग ठाकुर ने कहा”कांग्रेस शासनकाल में इनके नेताओं ने कोयला,कॉमनवेल्थ,अगस्ता वेस्टलैंड जैसे ना जाने कितने घोटालों से देश का धन लूटकर सिस्टम को कमज़ोर किया है।कांग्रेस के कई मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के ऊपर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप हैं। अगर सिर्फ़ चिदम्बरम के पास इतना काला धन है तो बाक़ी बड़े कांग्रेसी नेताओं की सम्पत्ति का अंदाज़ा लगाना नामुमकिन काम है।कांग्रेसी नेताओं के घोटालों ने किया देश की अर्थव्यवस्था का बँटाधार कर दिया।क्या राहुल गांधी इस पर कुछ बोलेंगे?आख़िर इनकी ऐसी क्या मजबूरी थी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ये कालेधन पर एसआईटी गठन से बचते रहे?”