कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों पर सरकार धन वर्षा करेगी। खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल सरकार राज्य में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में होने जा रहे कॉमनवेल्थ खेलों में हिमाचल के जो खिलाड़ी गोल्ड मेडल जीतकर आएगा, उसे 30 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह रजत पदक जीतने वाले को 20 और कांस्य पदक जीतने वाले को 10 लाख रुपये मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि अभी तक कहीं भी इस तरह का एलान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में खेल विश्वविद्यालय और अकादमी भी खोली जाएगी। प्रदेश में खेल नीति में संशोधन होगा। इसमें खिलाड़ियों के लिए कई प्रावधान होंगे।
खिलाड़ियों के रैंकिंग सिस्टम पर मंत्री ने ये कहा
बुधवार को मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने चंबा के विधायक के सवाल के जवाब मेें यह जानकारी प्रश्नकाल में दी। विधायक पवन नैयर ने सवाल किया कि प्रदेश में खिलाड़ियों का रैंकिंग सिस्टम बाहरी राज्यों की तरह बना हुआ है या नहीं?
अगर नहीं तो सरकार क्या इस तरह का कोई सिस्टम बनाने का विचार रखती है? इस पर खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में अभी तक खिलाड़ियों के रैंकिंग सिस्टम की कोई योजना नहीं है।
पंजाब और पड़ोसी राज्यों में चल रही प्रणाली के बारे में जानकारी ली जा रही है। इसी विषय पर अपने अनुपूरक सवाल में शिमला ग्रामीण के कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए विश्वविद्यालय में कोटा नहीं रखा गया है।
खेल नीति में किया जा रहा संशोधन
राज्य में व्यक्तिगत खेलों को भी प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को प्रावधान करने चाहिए। इस पर हिमाचल सरकार क्या कर रही है? जवाब में मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि ये सरकार व्यक्तिगत खेलों पर भी ध्यान दे रही है।
इसमें हिमाचल प्रदेश से संबंधित खेलों जैसे साहसिक, शीतकालीन, वाटर स्पोर्ट्स आदि पर काम हो रहा है। खेल नीति 2002 में बनी थी, जिसे संशोधित कर नए प्रावधान किए जा रहे हैं। यही नहीं, 1983 की स्पोर्ट्स गाइडलाइंस में भी संशोधन होगा।
पांवटा के भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने खिलाड़ियों के पलायन को रोकने के संबंध में अनुपूरक सवाल किया कि इस पर सरकार क्या कर रही है? जवाब में मंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय और अकादमी खोलने जैसे कदम उठाने के अलावा खेल नीति संशोधित होगी।