एमए और एमफिल में गोल्ड मेडलिस्ट रही होनहार छात्रा ने पीएचडी में प्रवेश न मिलने पर खौफनाक कदम उठा लिया। हिमाचल के जिला बिलासपुर की छात्रा ने पीएचडी में प्रवेश न मिलने पर फंदा लगाकर जान दे दी।
बीते दिनों छात्रा ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा दी थी। चयन न होने से वह काफी परेशान थी। शनिवार दोपहर को छात्रा ने अपने कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्रा के इस कदम से परिजन सदमे में हैं।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर छानबीन शुरू कर दी है। इस होनहार छात्रा ने केंद्रीय विवि धर्मशाला से एमए की डिग्री गोल्ड मेडल के साथ हासिल की है।
तत्कालीन राष्ट्रपति ने उसे गोल्ड मेडल से नवाजा था। उसने एमफिल बठिंडा यूनिवर्सिटी से की। इसमें भी उसे गोल्ड मेडल मिला था।
फंदे से लटकी हुई थी बेटी
पुलिस के अनुसार परिजनों ने बताया कि दोपहर के खाने के बाद उनकी बेटी अपने कमरे में सोने चली गई। दोपहर 3:45 बजे जब उसे उठाने गए तो कमरा अंदर से बंद था। बड़ी देर तक खटखटाने पर भी जब उसने कमरा नहीं खोला तो शक होने पर दरवाजा तोड़ा गया।
अंदर बेटी फंदे से लटकी हुई थी। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी की अगवाई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
एसपी बिलासपुर अशोक कुमार ने बताया कि छात्रा ने फंदा लगा कर जान दे दी है। प्रारंभिक जांच में पाया कि छात्रा काफी होनहार थी। उसे गोल्ड मेडल भी मिले थे, लेकिन पीएचडी में इस बार प्रवेश नहीं हो पाया है, जिस कारण छात्रा तनाव में थी।
तीन माह में चौथी घटना
1. 22 दिसंबर 2017 को कसौली इंटरनेशनल स्कूल सोलन का छात्र इंटरनल परीक्षा बीच में छोड़ हॉस्टल चला गया और उसने गैलरी में फंदा लगाकर जान दे दी।
2. 24 जनवरी 2018 को जेपी यूनिवर्सिटी वाकनाघाट के छात्र ने ग्रेड प्वाइंट कम आने पर किराये के कमरे में फंदा लगाया लिया।
3. 6 मार्च 2018 को मंडी के सरकाघाट में 12वीं की छात्रा का पहला ही अंग्रेजी का पेपर अच्छा न होने पर घर पर चुनरी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।