हिमाचल में चाहे वीरभद्र सिंह की सरकार रही हो या धूमल सत्ता में रहे हों, लेकिन दोनों कार्यकाल की सरकारें प्रदेश के बेरोजगारों का दिल नहीं जीत पाई हैं। अब जयराम सरकार बेरोजगार युवाओं के दिल में कितना खरा उतरती है, इस पर सभी बेरोजगारों की निगाहें टिकी हुई हैं।
हिमाचल में आठ लाख से ज्यादा बेरोजगार
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक प्रदेश में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या 8 लाख 24 हजार 478 है, जिनमें 5 लाख 23 हजार 684 पुरुष और 3 लाख 69 हजार 304 महिलाएं हैं। पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगारों की संख्या 67 हजार 816 और अन्य शामिल हैं। ग्रेजुएट बेरोजगार एक लाख 17 हजार 795 हैं।
मैट्रिक पास और अंडर ग्रेजुएट बेरोजगारों की संख्या 6 लाख 44 हजार 407 के करीब है। अंडर मैट्रिक 61 हजार 871 हैं। अनपढ़ बेरोजगारों की संख्या 1 हजार 99 के करीब है। शैक्षणिक संस्थानों में आधारभूत ढांचे की भारी कमी, शिक्षकों की कमी और संस्थानों का कम होना है।
पूर्व सरकार ने किया बेरोजगारी भत्ते का एलान
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बजट में बेरोजगारी भत्ता देने का एलान किया था। इसके तहत बारहवीं पास या इससे अधिक पढ़े-लिखे बेरोजगारों को सरकार ने एक हजार रुपये और दिव्यांगों को 1500 रुपये भत्ता मिलेगा।
इसके लिए पूर्व सरकार ने वर्ष 2017-18 के बजट में बेरोजगारी भत्ते के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। प्रदेश में रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या आठ लाख से ज्यादा है।
पढ़-लिखकर बेकार होने से नशे की जद में युवा
युवकों में पढ़-लिखकर बेकार होने का भय ही उन्हें नशे की ओर धकेल रहा है और नशे की हालत में ये युवक अपराध की दलदल में धंस रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में दिन-प्रतिदिन आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हो रही है।