जिला ऊना के सरहदी गांवों मलूकपुर और सनोली के कुओं और नलकूपों का पानी जहरीला हो गया है। इस पानी का प्रयोग पीने के लिए नहीं, केवल सिंचाई के लिए किया जा रहा है। लेकिन इस पानी से सींची गई गेहूं की फसल अब पीली पड़ गई है।
किसानों का मानना है कि जब से खेतों के पास एक केमिकल उद्योग लगा है उसके बाद से जमीनी पानी जहरीला होता जा रहा है। खेत बंजर होते जा रहे हैं। कोई भी फसल नहीं हो पा रही है। कुओं और नलकूपों का पानी फसलों को बर्बाद कर रहा है। किसानों का कहना है कि उद्योग लगने से पहले खेतों में भरपूर फसल होती थी।
कुओं और नलकूपों के पानी से ही सिंचाई की जाती रही है। यहां सिंचाई का और कोई साधन नहीं है। क्षेत्र में सात-आठ कुएं और दो-तीन नलकूप हैं। उद्योग में उत्पादन शुरू होने के बाद कुओं और नलकूपों का पानी जहरीला हो गया है। मलूकपुर के किसानों ने कहा कि अब तक क्षेत्र में एक सौ एकड़ में लगी गेहूं की फसल झुलस चुकी है।
सरहदी इलाका होने से नहीं होती सुनवाई
मलूकपुर के किसान सुरेंद्र सिंह, सनोली के जोगिंद्र सिंह, ठाकुर दास, गुरमीत सिंह, प्यारा सिंह, सुरजीत सिंह, महिंद्र सिंह, प्रीतम सिंह, लखविंद्र सिंह, गुरमीत सिंह, बलविंद्र सिंह का कहना है कि सरहदी इलाका होने के कारण उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
गांव हिमाचल की सीमा में हैं जबकि खेत पंजाब में पड़ते हैं। पंजाब सरकार से भी गुहार लगाई कि उद्योग के कारण फसलें चौपट हो रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। हिमाचल सरकार भी कुछ नहीं कर रही है। नतीजतन खेत बंजर होते जा रहे हैं।
जिस सदस्य सहोड़ बोले, एनजीटी से उठाएंगे मसला
रायपुर सहोड़ां जिला परिषद सदस्य पंकज सहोड़ को क्षेत्र के किसानों ने एक लिखित शिकायत देकर मसले को हल की मांग उठाई है। सहोड़ ने कहा कि मसला गंभीर है, लिहाजा इसे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष जोरशोर से उठाया जाएगा। राज्य सरकार ने ध्यान न दिया तो इस क्षेत्र में कैंसर जैसी अन्य गंभीर बीमारियां पनप सकती हैं।
फिल्टर कर प्रयोग लाया जाता है पानी : महिंद्र सिंह वालिया
क्लोरीन गैस एवं कास्टिक सोड़ा बनाने वाले उद्योग पीएसीएल के डीजीएम वर्क्स महिंद्र सिंह वालिया ने कहा कि उनके उद्योग का पानी बाहर नहीं जाता। उद्योग के गंदे दूषित पानी को फिल्टर करके यहीं प्रयोग में लाया जाता है। किसानों की फसलें किन्हीं अन्य कारणों से झुलस रही होंगी।