डा.महिंद्र सिंह रंधावा कला और साहित्य उत्सव
सभ्याचारक और विरासती क्विज में खालसा कालेज गढ़शंकर विजेता
क अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मौके पर भी विद्यार्थियों के साहित्यक मुकाबले करवाए जाएंग- सुरजीत पातर
क पंजाबी मीडिया क्लब कैलगरी के सचिव चन्द सिंह ने किया इनामों का वितरण
क निर्मल जोड़ा ने हिस्सा लेने वाले कालेजों के प्रबंधकों, अध्यापकों और विद्यार्थियों का किया धन्यवाद
चंडीगढ़, 7 फरवरी:
पंजाब कला परिषद द्वारा करवाए जा रहे डा.महिद्र सिंह रंधावा के 6वें दिन पंजाबी बोली, साहित्य, सभ्याचार और ऐतिहासिक विरासत को समर्पित प्रशनोत्तरी (क्विज) मुकाबला करवाया गया। कला भवन में करवाए पंजाब राज्य अंतर -कालेज मुकाबलो में बब्बर अकाली मेमोरियल खालसा कालेज गढ़शंकर ने पहला, सरकारी कालेज होशियारपुर ने दूसरा और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला कैंपस और गुरू नानक कालेज बुढ़लाडा ने संयुक्त रूप में तीसरा स्थान हासिल किया।
पंजाब कला परिषद के चेयरमैन डा.सुरजीत पातर की अध्यक्षता में हुए इस प्रशनोत्तरी मुकाबलो के मुख्य मेहमान पंजाबी मीडिया क्लब कैलगरी (कैनेडा) के सचिव चन्द सिंह थे जिन्होंनेे विजेता टीमें को इनामों का वितरण किया। क्विज मास्टर प्रीतम रुपाल ने इस मुकाबलो का संचालन करते पंजाबी मातृभाषा, साहित्य, सभ्याचार, विरासत, ऐतिहासिक और भौगोलिक क्षेत्र संबंधीे सवाल पूछे जिसके हर जवाब पर दर्शकों ने ताली बजा कर विद्यार्थियों की हौसला अफज़ाई की। इस क्विज मुकाबले की रोचक बात यह रही कि कुछ सवाल दर्शकों की ओर से भी पूछे गए और जिस सवाल का जवाब किसी टीम द्वारा नहीं दिया जाता था, उसका जवाब भी दर्शकों से पूछा जाता रहा। सही जवाब देने वाले दर्शकों को मौके पर ही इनाम दिए गए। एक सवाल का जवाब जो किसी की तरफ से भी नहीं दिया गया, उसका जवाब डा.सुरजीत पातर ने दिया। क्विज के पहले राउंड में डा.महिंद्र सिंह रंधावा के जीवन से जुड़े सवाल -जवाब पूछे गए।
समापन पर संबोधन करते हुये डा.सुरजीत पातर ने कहा कि विद्यार्थियों को पंजाबी माँ -बोली, साहित्य, सभ्याचार, ऐतिहासिक विरासत से जोडऩे के लिए ऐसे मुकाबले करवाना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि 21 फरवरी को पंजाब कला परिषद द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जायेगा जिसमें विद्यार्थियों के साहित्यक मुकाबले भी करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य नौजवान पीढ़ी को समृद्ध विरासत से जोडऩा है। उन्होंने कहा कि आज के क्विज की सबसे बड़ी ख़ासियत यह थी कि कई क्षेत्रों के संस्कृतिक और विरासती शब्दों संबंधी उनको भी आज ही पता चला। उन्होंने कहा कि यही हमारे पंजाब की समृद्धता है जहाँ किसी समय पर 12 कोस पर बोली बदल जाती थी। कला परिषद का यही लक्ष्य है कि ऐसे प्रोग्राम निरंतर जारी रखे जाएंगे।
पंजाब संगीत नाटक अकादमी के प्रधान और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के युवा कल्याण विभाग के डायरैक्टर डा.निर्मल जोड़ा ने क्विज मुकाबलो में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों और सम्बन्धित कालेजों के प्रबंधकों और अध्यापकों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि कला परिषद द्वारा मनाए जा रहे रंधावा कला और साहित्य उत्सव का यह ख़ूबसूरत पहलू है जिसके द्वारा नौजवानों में मुकाबले की भावना से उनको विरासत के साथ जोड़ा जा रहा है। इस मौके पर परिषद के सचिव जनरल डा.लखविन्दर सिंह जौहल और कवि दीपक शर्मा चनराथल भी उपस्थित थे।