ऑय 1 न्यूज़ 5 फरवरी2018 चंडीगढ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च ने एक मरणासन्न मरीज पर गुर्दा और लीवर का एक साथ प्रत्यारोपण कर नई सफलता हासिल की है।
इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो जगत राम ने इस सफलता पर कहा है कि प्रत्यारोपण टीम का हर सदस्य इसके लिए प्रशंसा का हकदार है। यह सब अत्यधिक अनुभवी प्रत्यारोपण विशेषज्ञों,विश्व स्तरीय उपकरणों व पेशेवराना सहयोगी टीम के तालमेल से किए गए प्रयास का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अब तक इंस्टीट्यूट ने ह्दय,गुर्दा,पैनक्रियाज,लीवर और काॅर्निया के प्रत्यारोपण सफलता पूर्वक किए थे। अब लीवर और गुर्दा के एक साथ प्रत्यारोपण में सफलता हासिल की है। इस सफलता से और अधिक मूल्यवान जीवन बचाए जा सकेंगे।
दोनों अंगों का यह एक साथ प्रत्यारोपण एक चालीस वर्षीय पुरूष मरीज पर किया गया। इसमें 12 डाॅक्टरों की टीम को 10 घंटे लगे। डाॅक्टरों के साथ प्रत्यारोपण सहायक व तकनीकी एवं नर्सिंग स्टाफ भी था। पिछले 2 फरवरी को ब्रेन डैड घोषित की गई बिहार की एक युवती से ये अंग लिए गए थे। युवती के परिवार ने बडी उदारता व अनुकरणीय ढंग से अंगों का दान किया था। युवती को पिछले 24 जनवरी को सडक दुर्घटना में सिर में गंभीर चोट के बाद 25 जनवरी को लुधियाना के निकट के एक अस्पताल से इंस्टीट्यूट इलाज के लिए भेजा गया था। युवती के ब्रेन डैड होने के बाद परिवार की सहमति से ह्दय,लीवर और दोनों गुर्दे दान में लिए गए। ह्दय की चंडीगढ में जरूरत नहीं थी इसलिए उसे ग्रीन काॅरीडोर के जरिए दिल्ली के इंटरनेशन एयरपोर्ट और वहां से दूसरे विमान में अन्य जरूरत वाले स्थान को भेजा गया। इंस्टीट्यूट में लीवर व एक गुर्दा एक मरीज को एक साथ प्रत्यारोपित किया गया और दूसरा गुर्दा अन्य मरीज को प्रत्यारोपित किया। इस तरह युवती के अंगदान से तीन लोगों को जीवन मिला।