कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कृषि के विकास के लिए बड़ी योजना का एलान किया है। हिमाचल की हर नदी पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की डीपीआर
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कृषि और सिंचाई महकमों के अफसर एक माह के भीतर इस पर रिपोर्ट तैयार करेंगे कि किस क्षेत्र के साथ कौन सी नदी बह रही है। किस नदी के पानी को कैसे किस इलाके में इस्तेमाल किया जाएगा। यह जानकारी कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने सोमवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में दी।
कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि हिमाचल में सतलुज, ब्यास, यमुना, रावी और चिनाब के अलावा गिरी, टौंस, पब्बर जैसी तमाम नदियों या खड्डों के पानी का खेतीबाड़ी में उपयोग करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
पावर टिल्लर पर सब्सिडी को एंपैनल कंपनियों की समीक्षा होगी
इसे सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। कृषि विभाग के तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सिंचाई महकमे के सहयोग से एक माह में सरकार को रिपोर्ट भेजें कि किस नदी या खड्ड से कौन-कौन से इलाके जुडे़ हैं।
उन्हें सिंचाई से कैसे जोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत इन नदियों और इनके निकटवर्ती कृषि क्षेत्र से संबंधित डीपीआर तैयार कर भेजी जाएंगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि पावर टिल्लर पर मिलने वाली सब्सिडी दिलाने को पूर्व सरकार के कार्यकाल मेें किन-किन कंपनियों को एंपैनल किया गया और क्यों किया गया, इसकी समीक्षा होगी। किसानों को अगर खास कंपनियों के पावर टिल्लर खरीदने पर ही सब्सिडी दी जा रही है तो इसे देखा जाएगा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है।
कृषि क्षेत्र का जीडीपी में हिस्सा बढ़वाएंगे
डॉ. रामलाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र का जीडीपी में हिस्सा कैसे बढे़। इसके लिए तमाम अधिकारियों से सुझाव मांगे गए हैं। ये सुझाव आगामी बजट में शामिल किए जाएंगे।