धर्मशाला, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ कर दिया है कि नई सरकार भ्रष्टाचार से कोई समझौैता नहीं करेगी। मंत्रियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ कहा कि अगर किसी ने भ्रष्टाचार किया तो उसे छोड़ेंगे नहीं। सहयोगियों के साथ-साथ उन्होंने अधिकारियों को संदेश दे दिया कि रास्ता बदल लें। इतना ही नहीं जहां पर भी गलत काम हुए हैं, उन्हें देखने की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंप दी।
बकौल जयराम, प्रदेश सरकार ने दो प्राथमिकताएं रेखांकित कर दी हैं। पहली स्वच्छ प्रशासन देने की व दूसरी राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त करने की। तपोवन स्थित विधानसभा भवन में नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खनन सहित सभी प्रकार के माफियाराज को खत्म करने के लिए ठोस नीति आएगी। युवा पीढ़ी नशे की दिशा में आगे बढ़ रही है और हमारा दायित्व नशे के चलन को रोकना है। पारदर्शिता से समझौता नहीं किया जाएगा और इसके लिए अधिकारियों को व्यवहार सुधारना होगा। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रोटेम अध्यक्ष रमेश धवाला ने सभी 68 सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
विश्वास बहाल करेंगे
गुडिय़ा व होशियार सिंह कांड से महिलाओं व आम आदमी का विश्वास सरकार से उठ गया था। पुलिस की कार्यशैली में सुधार लाकर महिलाओं का भरोसा पहले की तरह करना प्राथमिकता होगी। इसके लिए गुडिय़ा व होशियार हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। जनता में पुलिस को भरोसा साबित करने के लिए काम करना होगा।
तबादलों को कहीं न जोड़ें
मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि तबादलों को किसी प्रकार के माफिया के साथ जोड़कर न देखा जाए। सरकार स्वच्छ प्रशासन देने के लिए कटिबद्ध है। तबादले सरकार की सामान्य प्रक्रिया है।
बिना बजट की गई घोषणाएं होंगी रद
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ किया कि सत्ता के आखिरी दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बिना बजट के एक-एक दिन में 100-100 फट्टे टांगते रहे व घोषणाएं करते रहे। इस तरह से टांगे फट्टों व घोषणाओं की समीक्षा की जा रही है। जो शिलान्यास या घोषणा बिना बजट प्रावधान किए होगी, उसे रद किया जाएगा।
एचपीसीए मामला वापस ले सकती है सरकार
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कई मामले राजनीतिकप्रतिशोध की भावना से बनाए गए थे। अगर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) के खिलाफ मामला प्रतिशोध की भावना से दर्ज करवाया गया होगा तो उसे वापस लिया जाएगा। इसी तरह का रुख अन्य मामलों पर भी रहेगा, जो राजनीतिक प्रतिशोध के चलते बनाए गए थे। जयराम ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार किसी भी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्य नहीं करेगी।