नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में देशभर के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स के डॉक्टर सोमवार को हड़ताल पर हैं. वे 12 घंटे सुबह 6 से शाम 6 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे. हालांकि, सदन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा से साफ कर दिया है कि सरकार इस बिल को लागू करेगी. बंद का असर पूरे देशभर में देखने को मिल रहा है. कई जगह डॉक्टर हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन करते दिखे. वह हांथों में काली पट्टियां बांध कर विरोध कर रहे हैं. हालांकि, इमरजेंसी सेवा पर इसका असर नहीं पड़ा है.
कई जगह डॉक्टरों ने प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार को अल्टीमेटम भी दिया है. ओपीडी में तालाबंदी करने के बाद उन्होंने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे इमरजेंसी सेवा भी ठप्प कर देंगे.
नए बिल में इस तरह के हुए बदलाव
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को नेशनल मेडिकल कमिशन बिल 2017 के प्रावधानों से एतराज है. नए बिल के मुताबिक अब तक प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15% सीटों की फीस मैनेजमेंट तय करती थी, अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट को 60 फीसदी सीटों की फीस तय करने का अधिकार होगा. पहले 130 सदस्य होते थे और हर राज्य के तीन प्रतिनिधि होते थे. अब नए बिल के मुताबिक कुल 25 सदस्य होंगे और इसमें 36 राज्यों में से केवल 5 प्रतिनिधि ही होंगे.
एमबीबीएस के बाद प्रैक्टिस के लिए भी देना होगा एग्जाम
आयुष को ब्रिज कोर्स करवाकर इंडियन मेडिकल रजिस्टर में शामिल करने का प्रावधान है जो एमबीबीएस के लगभग बराबर होगा. एमबीबीएस के बाद भी प्रैक्टिस करने के लिए एक और एग्जाम देना होगा. वहीं पहले ये एग्जाम विदेशों से एमबीबीएस करने वालों को देने होते थे. अब नए बिल में उनको इस एग्जाम से छूट है.