आई 1 न्यूज़ चंडीगढ़, 21 अक्तूबर (अमित सेठी ) पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज पुलिस फोर्स को राज्यभर में पुलिस के कामकाज में और ज्यादा कुशलता और पारदर्शिता यकीनी बनाने के लिए कहा जिससे अमन-कानून की व्यवस्था में आम लोगों का भरोसा पैदा किया जा सके ।
राज्य को पेश चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए चन्नी ने निचले स्तर से लेकर सर्वाेच्च अफसरों तक समूचे पुलिस फोर्स को भ्रष्टाचार पर नकेल कसने, नशांे की सप्लाई लाईन तोड़ने, अवैध शराब का कारोबार ख़त्म करने और रेत माफीए के साथ कड़े हाथों से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमारे नौजवानों को नशों की बीमारी का शिकार बनाने वाले नशा तस्करों की पहचान करने के लिए पुलिस को उचित प्रणाली विकसित करनी चाहिए।
आज शाम यहाँ मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री के तौर पर पद संभालने के बाद पुलिस आधिकारियों के साथ पहली मीटिंग करते हुए चन्नी ने अफसरों को अपनी ड्यूटी समर्पित भावना, इमानदारी और पेशेवर वचनबद्धता के साथ निभाने के लिए कहा जिससे लोगों को फर्क महसूस हो और इस सम्बन्ध में निचले स्तर तक संदेश जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अफसरों की नयी तैनातियां पूरी तरह से योग्यता और ट्रैक रिकार्ड के आधार पर की गई हैं जिस कारण उनको अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा और इमानदारी के साथ निभानी चाहिए और बिना भेद-भाव के सेवाएं प्रदान करनी चाहीएं जिससे आम लोगों का भरोसा पुलिस के प्रति बढ़ सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को नजायज़ हिरासत में न रखा जाये और किसी को भी झूठे मामलों में उलझाकर परेशान न किया जाये।
मुख्यमंत्री ने दिवाली के त्योहार के अवसर पर दुकानदारों और रेहड़ी /फड़ी लगाकर सामान बेचने वालों को लाइसेंस के नाम पर पैसे माँगकर पुलिस द्वारा अनावश्यक तंग न किया जाये। उन्होंने इस संबंधी ज़िला पुलिस मुखियों को डी.एस.पी और एस.एच.ओ को विस्तृत हिदायतें जारी करने के लिए भी कहा जिससे इन लोगों को दिवाली के त्योहार के अवसर पर सामान और पटाख़े बेचने में कोई दिक्कत न आए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि जुआ-सट्टा लगाने वाले समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध बिना किसी ढील के पूरी सख्ती ईस्तेमाल करते हुए उदाहरणीय कार्रवाई की जाये। त्योहारों के सीजन दौरान रात के समय होते हादसे रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि गश्त बढ़ाई जाये ख़ासकर रात के समय विशेष निगरानी रखी जाये।
चन्नी ने कहा कि उनको पुलिस द्वारा वाहनों के कागज़ चैक करने के नाम पर पुलिस द्वारा ली जाती रिश्वत और लूट-मार संबंधी लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जिस पर रोक लगाने के लिए ट्रैफ़िक पुलिसिंग और प्रबंधन में क्रांतिकारी सुधार अस्तित्व में लाए जाएँ।
मुख्यमंत्री ने यह भी वकालत की कि गलत काम करने वाले पुलिस अधिकारियों को सख़्त सजा दी जानी चाहिए जो समूचे पुलिस फोर्स को बदनाम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों ख़ासकर ज़िला पुलिस मुखियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि या तो लोगों को बढ़िया सेवाएं प्रदान करने के लिए अपनी ड्यूटी जिम्मेदाराना तरीके से निभाएं या फिर अपने तबादले के लिए तैयार रहें, क्योंकि सिविल और पुलिस प्रशासन दोनों में कुशल, साफ़, भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रशासन उनकी सरकार का मुख्य एजेंडा है।
इससे पहले, उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा, जिनके पास गृह विभाग है, ने कहा कि हमारी पुलिस फोर्स किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह समर्थ और निपुण है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी पुलिस फोर्स राज्य में दशकों से चल रहे आतंकवाद को बहादुरी के साथ काबू कर सकती है, तो मुझे यकीन है कि वह गैंगस्टरों और रेत माफियों के अलावा नशों का ख़ात्मा करके एक मिसाल कायम करेगी।
उप मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री को आम लोगों को इन्साफ दिलाकर लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का भरोसा भी दिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आम जनता की सुरक्षा को यकीनी बनाने के एकमात्र उद्देश्य से अपनी ड्यूटी निडर होकर निभाने के लिए प्रेरित किया। रंधावा ने आगे कहा कि वह इन अधिकारियों की और इनके परिवारों की सुरक्षा यकीनी बनाएंगे जिससे ड्यूटी दौरान उनके मनोबल को बढ़ाया जा सके।
इससे पहले, डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने मुख्यमंत्री को बताया कि पुलिस विभाग मौके पर ही लोगों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए हर पंद्रह दिन बाद विशेष सुविधा कैंप लगाएगा।
मीटिंग में मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अनुराग वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव हुस्न लाल, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव राहुल तिवारी और उप मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव वरुण रूज़म के अलावा ए.डी.जी.पी., आई.जी., डी.आई.जी. स्तर के सभी सीनियर अफ़सर, कमिश्नर ऑफ पुलिस और ज़िला पुलिस प्रमुख भी शामिल थे।