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14 मार्च को पंजाब सहित 18 से अधिक देशों में मनाया जायेगा सिख पर्यावरण दिवस समारोह

आई 1 न्यूज़ 8 मार्च 2018  ( अमित सेठी ) सिख पर्यावरण दिवस : इकोसिख पंजाब में की पर्यावरणीय समस्याओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई हेतु सिख समुदाय एवं पर्यावरण प्रेमियों को प्रेरित करेगा इकोसिख ने पंजाब की पर्यावरण संबंधी आवश्यकताओं को उजागर करने के लिए कुदरत’ नामक पंजाबी गीत जारी किया  14 मार्च को पंजाब सहित 18 से अधिक देशों में मनाया जायेगा सिख पर्यावरण दिवस समारोह  वाशिंगटन स्थित गैर-लाभकारी संगठन इकोसिख ने पर्यावरण संरक्षण की अपनी विरासत को आगे बढ़ाते हुए, पर्यावरण रक्षा की तत्काल जरूरतों पर एक पंजाबी गीत ‘कुदरतÓ जारी किया और 14 मार्च को दुनिया भर में सिख पर्यावरण दिवस (एसईडी) उत्सव मनाने की घोषणा की। युवा इकोसिख कार्यकर्ताओं द्वारा तैयार गीत का वीडियो, जो बहुत प्रभावी ढंग से संदेश देता है कि कैसे मनुष्य ने पर्यावरण को बर्बाद किया है, मीडिया को दिखाया गया। वर्ष 2010 के बाद से इकोसिख ने गुरु हर राय के गुरुगद्दी दिवस के उपलक्ष्य में सिख पर्यावरण दिवस मनाना शुरू किया, जो कि 1644 में 7वें सिख गुरु बने थे। वे प्रकृति और जानवरों के प्रति गहरी संवेदनशीलता रखते थे। उन्होंने पर्यावरण की देखभाल करने का संदेश दिया था।

इकोसिख की एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि यह समारोह कैसे मनाया जाएगा और समारोह के दौरान पंजाब से जुड़े किन पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में बात की जायेगी। रवनीत सिंह, इकोसिख के प्रोजेक्ट मैनेजर, सुप्रीत कौर, इकोसिख की अध्यक्ष, इकोसिख बोर्ड से जसप्रीत सिंह, कुदरत के गायक हरमिंदर सिंह, गीतकार करन लाहौरिया तथा विभिन्न पर्यावरणविद जैसे गंगा नर्सरी के मनजीत सिंह, निखिल संगर- वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी नवांशहर के संस्थापक, और हरकीरत सिंह- मैनेजिंग ट्रस्टी, सतनाम सर्व कल्याण ट्रस्ट, आदि कार्यक्रम में मौजूद थे। कार्यक्रम में बताया गया कि पंजाब का पर्यावरण खतरे में है। पंजाब के चार प्रमुख शहरों को विश्व के 25 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया है, जहां 2011 से 2016 तक नौ लाख पेड़ों को काटा जा चुका है। राज्य केवल 3.8 प्रतिशत वन क्षेत्र बचा है। ट्यूबवेलों के अनावश्यक उपयोग से राज्य में प्रति वर्ष 3 फीट की दर से जल स्तर कम हो रहा है। राज्य के 141 में से 102 कृषि विकास ब्लाकों को डार्क जोन में रखा गया है, जहां भूमिगत जल का स्तर 200 फीट या अधिक है। इसके अलावा, औद्योगिक कचरे को नदियों में डंप करने से पहले स्वच्छ करने का कोई उचित तरीका नहीं है। रोजाना 4300 टन कचरा पर्यावरण को खराब कर रहा है। पर्यावरण की इस गिरावट के परिणामस्वरूप राज्य में घातक बीमारियों का प्रसार हुआ है। पंजाब में रोजाना कैंसर के औसतन 20 नये मामले दर्ज हो रहे हैं।

इकोसिख के प्रोजेक्ट मैनेजररवनीत सिंह ने कहा, ‘पंजाब में पर्यावरण की यह गंभीर स्थिति एसईडी की चिंता का विषय है। एसईडी अभियान के तहत हमारे कार्यकर्ता पेड़ लगाएंगे, पानी की  बचत के बारे में संगोष्ठियों का आयोजन करेंगे, साइकिल रैलियां आयोजित करेंगे, जैविक रसोई उद्यानों काप्रदर्शन करेंगे और फ्लॉवर शो करेंगे। ‘ इकोसिख राज्य सरकार, गुरुद्वारों, अकादमिक संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों को बाग बगीचों पर ध्यान देने के लिए कहेगा और यह सुनिश्चित करने पर जोर देगा कि पेड़ सुरक्षित रहें और सरकार निकायों में स्टायरोफोम और विशेषकर गुरुद्वारों में लंगरों पर प्रतिबंध लगाये। ‘

स्थिति सुधारने के लिए उठाए जा सकने वाले उपायों के बारे में बताते हुए, इकोसिख की प्रेसीडेंट सुप्रीत कौर ने कहा, ‘हमारी पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार को प्रभावित करना है कि राज्य में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए एक अच्छी योजना और रणनीति बनाई जाये। दूसरी प्राथमिकता है पानी बचाने के लिए किसानों व जनता के बीच जागरूकता पैदा करना और यह सुनिश्चित करना कि औद्योगिक कचरा नदियों में फेंकने से पहले साफ किया जाए। ‘

इकोसिख के कार्यकर्ता और कुदरत गीत के गायक हरमिंदर सिंह ने कहा, ‘पंजाब के पर्यावरण की क्षति के कारण हम बहुत दु:खी थे। हमने अपने हृदय से कुदरल गीत की लाइनें लिखी हैं। पर्यावरण संकट और लगातार बदलती जलवायु के बारे में गीत में चर्चा की गयी है। ग्लोबल वार्मिंग और कचरा निपटान के लिए एक सक्रिय रणनीति बनाने के लिए लोगों के बीच जागरूकता फैलाना भी हमारा प्रयास है। ‘

इकोसिख के ग्लोबल प्रेसीडेंट डॉ. राजवंत सिंह ने कहा, ‘इकोसिख पंजाब और भारत में न केवल सिख समुदाय को सिखाने का प्रयास कर रहा है, बल्कि दुनिया भर में सिख गुरुओं के संदेश को प्रसारित करने के लिए भी प्रयास कर रहा है। हम सभी गुरुद्वारों और सिख संस्थाओं में लंगर हेतु व्यवस्थित रूप से उगाए गए भोजन की खपत को बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए निश्चित रूप से छोटे किसानों को अच्छी कृषि पद्धतियां अपनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा।

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