ब्यूरो रिपोर्ट :20 जनवरी 2018
पाकिस्तान की ओर से लगातार
नियंत्रण रेखा (एलओसी) और
अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर भारी गोलाबारी की जा रही है। भारतीय चौकियों के साथ ही रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर गोले दागे जा रहे हैं। शनिवार को इसमें सेना का एक जवान शहीद हो गया, जबकि तीन नागरिकों की मौत हो गई।
तीन जवानों सहित दर्जन भर से अधिक लोग घायल हुए हैं। 100 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए। 40 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जवाबी कार्रवाई में पाक के आठ रेंजरों के मारे जाने और कई चौकियों के ध्वस्त होने की सूचना है। इससे सीमा पर जबर्दस्त तनाव है। इस बीच आईबी पर सुचेतगढ़, अब्दुलियां, कोरटाना खुर्द इलाकों में तोपें तैनात कर दी गई हैं। सेना के जवानों की भी तैनाती की गई है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाक ने आरएस पुरा सेक्टर, रामगढ़ और अरनिया सेक्टर में गोले बरसाए। इसमें आरएस पुरा के कपूर पुर निवासी 17 वर्षीय गारू राम, अब्दुल्लियां के 45 वर्षीय गार सिंह और गजनसू निवासी 35 वर्षीय तरसेम लाल की मौत हो गई।बीएसएफ प्रवक्ता के अनुसार सुचेतगढ़ सेक्टर में ऑक्ट्राय से लेकर चिनाब (अखनूर) तक पाक ने गोले दागे। आरएस पुरा सेक्टर में शुक्रवार रात डेढ़ बजे गोलाबारी थम गई थी, लेकिन चार घंटे बाद फिर से शुरू हो गई। परगवाल सेक्टर में एक जवान घायल हो गया। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 14 बटालियन का जवान लल्लू राम भी घायल हो गया।
300 स्कूल बंद कर दिए गए हैं
पुंछ जिले की मेंढर तहसील में शनिवार सुबह करीब 8.20 बजे कृष्णा घाटी सेक्टर में भारतीय सेना की 22 सिख रेजीमेंट की अग्रिम चौकी परविंदर के पास जवानों ने एम्बुश लगा रखा था। इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने इन जवानाें पर स्नाइपर से गोलियां दागनी शुरू कर दीं, जिसमें सिपाही 23 वर्षीय मनदीप सिंह पुत्र गुरनाम सिंह निवासी आलमपुर जिला संगरूर (पंजाब) शहीद हो गए।
इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र में बड़े हथियारों से भी गोलाबारी शुरू कर दी। भारतीय सेना ने भी जवाब देते हुए शहीद जवान के शव को वहां से निकाल कर अपने मुख्यालय पहुंचाया। पाकिस्तानी सेना ने दस बजे से मेंढर तहसील के हमीरपुर, बालाकोट और कृष्णा घाटी क्षेत्र में रिहाइशी इलाकाें में गोले दागने शुरू कर दिए। आईबी और एलओसी के पांच किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले 300 स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
तीन दिनों में नौ लोग मारे गए
पिछले तीन दिनों से पाक की गोलाबारी में नौ लोगों की मौत हो गई है। शुक्रवार को सेना और बीएसएफ के एक-एक जवान शहीद हो गए थे। दो नागरिकों की मौत हुई थी, जबकि 38 लोग घायल हुए थे। घायलों में दो बीएसएफ के जवान भी थे। बृहस्पतिवार को भी एक जवान शहीद हो गया था।
कैंपों में एक हजार से अधिक लोग
आरएस पुरा, सांबा और कठुआ में बनाए गए कैंपों में एक हजार से अधिक लोग हैं। कई गांव बिल्कुल खाली हो चुके हैं। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
मृतकों के परिवार को मिलेंगे पांच लाख
जम्मू के 66 गांव गोलाबारी से प्रभावित जम्मू प्रशासन की ओर से 18 और 19 जनवरी की तैयार रिपोर्ट के अनुसार अरनिया तथा सुचेतगढ़ तहसील से 36 हजार लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें अरनिया तहसील के 31 हजार लोग हैं। सुचेतगढ़ के 700 लोग कैंपों में रह रहे हैं। अरनिया, सुचेतगढ़ तथा मढ़ तहसील के 162 गांवों में 66 गांव गोलाबारी से प्रभावित हैं। इन तीनों गांवों की आबादी 1,27,053 है, जिसमें 36 हजार लोग सुरक्षित स्थानों पर गए हैं। 131 मवेशी मारे गए हैं।
गोलाबारी में मरने वाले लोगों के परिवार को पांच लाख रुपये मिलेंगे। मामूली रूप से घायलों को पांच लाख और अपंगता की स्थिति में 75 हजार रुपये मिलेंगे। मकानों को पहुंचे नुकसान का 50 फीसदी जो अधिकतम एक लाख रुपये होगा। गाय व बैल के मारे जाने पर 30 हजार, घोड़े के लिए 25 हजार, बकरी व भेड़ के लिए तीन हजार रुपये मिलेंगे।
‘सेना की स्थिति के बारे में किसी को न बताएं’
जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है। सीमावर्ती इलाकों में रेड अलर्ट जारी करते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा गया है। सेना, बीएसएफ और पुलिस की ओर से ग्रामीणों को हर संभव मदद के प्रयास जारी हैं।
पुलिस ने ग्रामीणों से कहा कि वे किसी से भी सीमावर्ती इलाकों के हालात के बारे में सूचना साझा न करें। न ही फोन पर इस बारे में किसी व्यक्ति से बात करें। सेना की स्थिति के बारे में किसी भी व्यक्ति को सूचित न करें, चाहे वह खुद को सैन्य अधिकारी या विभागीय अधिकारी बताए। उन्होंने लोगों से कहा कि राशन-पानी को स्टोर कर बंकर में अपने परिवार के साथ सुरक्षित रहें। ब्यूरो