हिमाचल में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल रहा है। इससे बारिश और बर्फबारी की संभावाना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार वीरवार को सूबे के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी होने के आसार हैं।
यह सिलसिला पांच मार्च तक जारी रह सकता है। मैदानी और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में तीन मार्च तक बारिश होने की संभावना है, जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पांच मार्च तक मौसम खराब रहेगा।
एक से तीन मार्च तक सूबे के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। इस दौरान उच्च पर्वतीय क्षेत्रों किन्नौर, लाहौल-स्पीति और मंडी, कुल्लू, चंबा के ऊंचाई वाले इलाकों एवं मध्य पर्वतीय क्षेत्रों शिमला, सोलन, सिरमौर के कई क्षेत्रों में बर्फबारी-बारिश होने की संभावना है।
इन जिला में भी होगी बारिश
मैदानी क्षेत्रों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर व कांगड़ा में बारिश होगी। उधर, बुधवार को प्रदेश भर में मौसम साफ रहा। हालांकि शिमला में हल्के बादल छाए रहे। शिमला में अधिकतम तापमान 18.3, ऊना में 28.4, धर्मशाला में 20.4, नाहन में 22.7, सोलन में 22.0, कांगड़ा में 15.6, सुंदरनगर में 22.8, भुंतर में 23.5,
कल्पा में 14.4 और डलहौजी में 12.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मंगलवार रात को केलांग में न्यूनतम तापमान -1.4, कल्पा में 2.4, मनाली में 5.0, शिमला में 9.0, ऊना में 12.4 और नाहन में 10.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
विंटर सीजन में इतने फीसदी कम बरसे बादल
पहली जनवरी से 28 फरवरी तक प्रदेश में सामान्य से 72 फीसदी कम बारिश रिकार्ड की गई। इस दौरान प्रदेश में सिर्फ 55.1 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड हुई जबकि सामान्य बारिश 195.5 मिलीमीटर मानी गई है।
साल 2018 में जनवरी के दौरान एक बार और फरवरी में दो बार ही बारिश-बर्फबारी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि जिला किन्नौर में 82 फीसदी और लाहौल स्पीति में 81 फीसदी कम बारिश रिकार्ड की गई।
बिलासपुर में 61 फीसदी, चंबा में 68 फीसदी, हमीरपुर में 60 फीसदी, कांगड़ा में 64 फीसदी, कुल्लू में 60 फीसदी, मंडी में 59 फीसदी, शिमला में 68 फीसदी, सिरमौर में 45 फीसदी, सोलन में 60 फीसदी और ऊना में 54 फीसदी कम बारिश रिकार्ड की गई। उन्होंने बताया कि इससे पहले साल 2017 में पहली जनवरी से 28 फरवरी तक सामान्य से 71 फीसदी कम बारिश रिकार्ड हुई थी।