डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा के समर्थकों ने डेरा के पूर्व प्रमुख शाह सतनाम सिंह जी महाराज के जन्म दिवस 25 जनवरी को राम रहीम के प्रवचन के लिए जेल प्रशासन को इसके ब्रॉडकास्ट की व्यवस्था के निर्देश दिए जाने की हाईकोर्ट से अपील की है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी।
मालवा इंसा फॉलोवर्स डेरा सच्चा सौदा एसोसिएशन बठिंडा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। एडवोकेट राव पीएस गिरवर के माध्यम से दाखिल याचिका में डेरा सच्चा सौदा के इतिहास और डेरा समर्थकों द्वारा किए गए समाज हित के कार्याें का ब्योरा सौंपा गया। याची ने कहा कि हर बार डेरा समर्थक समाज हित के लिए कार्य करते हैं और इसके लिए एक पैसा भी नहीं लिया जाता। इस बार अब शाह सतनाम जी महाराज के जन्म दिवस पर ऐसा ही करने की योजना बनाई गई है।
इसके साथ ही राम रहीम द्वारा समाज हित के लिए किए गए कार्यों और इसके चलते उनके 6 करोड़ समर्थकों केलिए गुरु की महिमा कितनी अहम है यह बताते हुए उनके 25 जनवरी को प्रवचन का जेल से ही ब्रॉडकास्ट करने की अनुमति दिए जाने की अपील की गई है। याचिका में कहा गया कि संवैधानिक अधिकारों के तहत यह मांग की जा रही है और साथ ही समाज के हित में यह मांग की जा रही है जिसके अनुमति दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा।
‘गुजरात दंगों के मामले में गवाहों को दिया गया था मौका तो मुझे भी मिले’
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने पंचकूला की सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। सीबीआई कोर्ट ने उनकी छत्रपति हत्याकांड मामले में दोबारा बयान दर्ज करवाने के लिए दाखिल अर्जी खारिज कर दी थी। याची ने कहा कि गुजरात दंगों के मामले में कोर्ट ने ऐसे गवाहों को मौका दिया था जो डर के कारण अपने बयान दर्ज नहीं करवा पाए थे। इसी तर्ज पर उन्हें भी बयान दर्ज करवाने की अनुमति दी जाए और सीबीआई कोर्ट के फैसले को खारिज किया जाए। याचिका पर जल्द सुनवाई होगी।
खट्टा सिंह ने याचिका दाखिल करते हुए कहा कि वह रणजीत सिंह और पत्रकार छत्रपति की हत्या के समय डेरे में मौजूद था। उस दौरान ही इन घटनाओं को अंजाम दिया गया था और उस दौरान उसने अपने बयान भी दर्ज करवाए थे। बाद में डर और दबाव के कारण उसे बयान बदलने पड़े क्योंकि डेरा बहुत शक्तिशाली था और उसके अंधभक्त कुछ भी करने को तैयार थे। सरकारों का डेरे को पूरा समर्थन प्राप्त था।
अब साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को सजा सुनाई जा चुकी है और याची को कोई डर नहीं। ऐसे में वह इस मामले में गवाही देना चाहता है क्योंकि उसकी गवाही बेहद अहम है। पंचकूला की सीबीआई अदालत के समक्ष भी उसने अर्जी दाखिल कर गवाही रिकार्ड करने की अपील की थी। सीबीआई कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया जो पूरी तरह से गलत है।