Thursday, December 26, 2024
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समलैंगिकों की समस्याओं पर बनी फिल्म ‘इमरजेंस: आउट ऑफ द शैडोज  पंजाब में रिलीज के लिए तैयार

आई 1 न्यूज़  चंडीगढ़, 14 सितंबर, 2021(अमित सेठी) समलैंगिकों की समस्याओं को उजागर करती एक बेहतरीन फीचर डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘इमरजेंस: आउट ऑफ द शैडो ‘ भारत में रिलीज के लिए तैयार है। इसे कनाडा में रह रहे पंजाब के कुछ ऐसे कलाकारों ने तैयार किया है, जो खुद समलैंगिक हैं अथवा समलैंगिकों के अधिकारों के लिए काम कर रहे हैं। फिल्म को उत्तरी अमेरिकी मीडिया से पहले ही खूब वाहवाही मिल चुकी है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2018 को समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखने वाले अनुच्छेद 377 को रद्द कर दिया था। इस फैसले का व्यापक रूप से स्वागत हुआ, लेकिन पूर्वाग्रह अभी भी बने हुए हैं। भारत में समलैंगिंक समुदाय के लिए जीवन मुश्किलों भरा है। लेकिन कुछ भारतीय-कनाडाई इस अंधेरे से बाहर आ रहे हैं, वर्जनाओं को तोड़ रहे हैं और एक ऐसा जीवन जी रहे हैं जिसकी वे उम्मीदें रखते थे। यही सब इस फिल्म का विषय है। निर्माता एलेक्स सांघा ‘शेर वेंकूवर ‘ नामक एक एनजीओ के संस्थापक हैं, जो समलैंगिक लोगों के लिए काम करता है। वह ‘माई नेम वाज जनवरी ‘ फिल्म भी बना चुके हैं, जिसे 15 पुरस्कार मिले हैं। सांघा ने कहा, ‘फिल्म के सभी पात्रों का संबंध भारत से है। इसमें कायडेन भंगू, अमर और जैग नागरा, जो कि समलैंगिक हैं, की कहानियां अंधेरे से शुरू होती हैं और बाद में साहस और आशा के रूप में सामने आती हैं। अन्य कलाकारों में जसपाल कौर, अवतार और राजवंत नागरा प्रमुख हैं। ‘इमरजेंस: आउट ऑफ द शैडो ‘ के निर्देशक विनय गिरिधर कहते हैं, ‘यह फिल्म दक्षिण एशिया के एलजीबीटीक्यू समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने में आपकी मदद कर सकती है। कल्पना कीजिए कि आप पंजाब के एक युवा दक्षिण एशियाई अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं, जो वेंकूवर के लंगारा कॉलेज में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं। सब कुछ ठीक चल रहा है,फिर रातों-रात, आपका जीवन बिखर जाता है। रिश्तेदार आपको घर से निकाल देते हैं। परिजन भी आपसे नाता तोड़ लेते हैं। आप विदेशी धरती पर जा फंसे हैं। कहानी इसी पर है।’

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