पंचकूला, 23 अप्रैल, 2018 ( अमित सेठी ) विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर, दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल द्वारा, नियमित रूप से किताबें पढऩे की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए पंचकूला के यवनिका गार्डन में ‘आओ पढ़ें, आगे बढ़ें’ नामक एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। नुक्कड़ नाटक में दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल,जीरकपुर के कक्षा 7 से 10 तक के 16 छात्रों ने भाग लिया।
दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन, मितुल दीक्षित ने कहा, ‘इस गतिविधि के पीछे विचार यह था कि बच्चों में पढऩे की आदत विकसित करने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलायी जाये। अच्छी किताबें पढऩे और साहित्य को पसंद करने से देश के सांस्कृतिक विकास को गति मिल सकती है, जो कि समय की आवश्यकता है।’
दस मिनट के नाटक में आधुनिक युग की एक लडक़ी की कहानी प्रस्तुत की गयी। कहानी से पता चला कि कैसे वोलडक़ी हर समय अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में व्यस्त रहती थी और कैसे उसके माता-पिता ने पहले खुद किताबें पढ़ कर अपनी बच्ची में भी पढऩे की आदत विकसित की। नाटक के अंत में दिखाया गया कि अंतत: लडक़ी को किताबें पढऩे से मिलने वाली सच्ची खुशी का अहसास हुआ। यह नाटक दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल की रंगमंच शिक्षक सुश्री देबिना तथा हिंदी शिक्षक सुश्री प्रवीण ने लिखा और निर्देशित किया था। भाग लेने वाले सभी छात्र स्कूल के रंगमंच क्लब से संबंधित थे।
नाटक के पात्रों में से एक, कक्षा 9 के प्रभजोत ने कहा, ‘इस नाटक से हमने यह समझाने की कोशिश की कि किताबें पढऩे से हमारा विजन कैसे विकसित हो सकता है और कैसे दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों का इस तरह से हमें पता लग सकता है।’
दीक्षंात स्कूल के छात्रों ने विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर यह नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, लेकिन अब नुक्कड़ नाटकों की इस पहल को एक नियमित स्वरूप दिया जायेगा। ऐसे नुक्कड़ नाटक सुबह और शाम के समय ट्राईसिटी के विभिन्न पार्कों में प्रस्तुत किये जायेंगे।