Lok Sabha Election 2019: अपना अस्तित्व बचाने की कोशिश में जुटे राज ठाकरे ने एनसीपी से मुंबई की उत्तर पूर्व, ठाणे और नासिक की सीट मांगी है.
मुंबई: क्या महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण आने वाले चुनावों में देखने को मिलेंगे? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की नजदीकियां लगातार बढ़ी है. सूत्रों के मुताबिक, एमएनएस चाहती है कि एनसीपी अपने कोटे से उन्हें तीन सीटें दे. बदले में एमएनएस एनसीपी-कांग्रेस को महाराष्ट्र में मदद करेगी.
बताया जा रहा है कि इस विषय को लेकर शरद पवार और राज ठाकरे के बीच कई बार चर्चा हुई है. दोनों पार्टियों ने इस विषय पर सहमति बनाने के लिए नेताओं को नियुक्त भी किया है. एमएनएस की तरफ से बाला नांदगांवकर बातचीत कर रहे है. सूत्रों के मुताबिक, एमएनएस तीन से चार सीटों की मांग कर रही तो एनसीपी एक से दो सीटें एमएनएस को देने पर सकारात्मक तरीके से विचार कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, अपना अस्तित्व बचाने की कोशिश में जुटे राज ठाकरे ने एनसीपी से मुंबई की उत्तर पूर्व, ठाणे और नासिक की सीट मांगी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एनसीपी ने ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल कर ली है. ठाणे लोकसभा सीट पर उम्मीदवार फिलहाल तय नहीं किया गया है. यही सीट एनसीपी एमएनएस के लिए छोड़ सकती है.
हालांकि इन खबरों पर दोनों ही पार्टी के नेताओं ने कहा कि फिलहाल इस विषय पर किसी तरह का प्रस्ताव दोनों पार्टियों ने एक दूसरे को नहीं दिया है, न ही किसी तरह की चर्चा शुरु है. लेकिन किसी ने भी ये नहीं कहा है कि गठबंधन के लिए चर्चा के दरवाजे पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. एमएनएस को साथ लेने से कांग्रेस-एनसीपी को शहरी इलाकों में फायदा हो सकता है. साथ ही शिवसेना-बीजेपी के मराठी वोट बैंक में भी सेंध लगेगा. ध्यान रहे कि शिवसेना बीजेपी से नाराज है और गठबंधन नहीं करने की बात समय-समय पर करती रही है.
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कांग्रेस एमएनएस को गठबंधन में शामिल करने के पक्ष में नहीं है. कांग्रेस मानती है कि अगर राज ठाकरे के साथ हाथ मिलाया तो उसका असर उत्तर भारत, बिहार की राजनीति के साथ-साथ महाराष्ट्र में उनके वोटबैंक पर भी पड़ सकता है.