ब्यूरो रिपोर्ट :10 जनवरी 2018
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए बिंदल के नाम का प्रस्ताव विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने किया जबकि उसका समर्थन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर डॉ. राजीव बिंदल को हमेशा ही घेरे रखने वाली कांग्रेस ने अपने तेवर अब बदले हैं। पहले जहां कांग्रेस ने बिंदल के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में जांचें बिठाई अब वही कांग्रेस बदले राजनीतिक परिदृश्य में तेवरों को बदलकर बिंदल के साथ खड़ी हुई है तो उनके विधानसभा अध्यक्ष बनने के लिए भी प्रस्ताव कांग्रेस ने पहले लाया। बिंदल को अध्यक्ष बनाने के लिए पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने प्रस्ताव रखा और इसका पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने समर्थन किया। बस केवल बुधवार को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बिंदल 13वीं विधानसभा के 14वें अध्यक्ष होंगे।
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए बिंदल के नाम का प्रस्ताव विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने किया जबकि उसका समर्थन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया। इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से उनके नाम के चार सेट भरे गए। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने उनके नाम का प्रस्ताव किया जबकि स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने उनका समर्थन किया।
सत्ता पक्ष की ओर से भी तीन प्रस्ताव बिंदल के नाम के आए और उनके समर्थन के बाद बिंदल के नाम पर निर्विरोध रूप से विधानसभा अध्यक्ष बनने की मुहर लगी। मंत्रिमंडल गठन के बाद डॉ. बिंदल का विधानसभा अध्यक्ष बनाना तय हुआ था। विधानसभा अध्यक्ष के चयन के बाद अब डिप्टी स्पीकर को लेकर भी कार्यवाही होगी। अभी तक डिप्टी स्पीकर तय तो नहीं किया गया है लेकिन चुराह से दूसरी बार चुनाव जीते हंसराज को लेकर नजरें भी हैं।