ऑय 1 न्यूज़ 8 फरवरी 2019..सुप्रीम कोर्ट से बसपा सुप्रीम मायावती को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने एक टिप्पणी करते हुए कहा कि मायावती को मूर्तियों पर खर्च पैसा लौटाना चाहिए. इन मूर्तियों में हाथियों और खुद मायावती की मूर्तियां भी शामिल है.
लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि BSP सुप्रीमो मायावती ने अपनी और हाथियों की मूर्तियां बनाने में जितना जनता का पैसा खर्च किया है, उसे वापस करना चाहिए. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे थे. इस मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में दायर रविकांत और अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मायावती को मूर्तियों पर खर्च सभी पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराना चाहिए. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाइंट को कह दीजिए कि सबसे वह मूर्तियों पर खर्च हुए पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराएं.
आपको बता दें कि मायावती के द्वारा उत्तर प्रदेश में बसपा शासनकाल में कई पार्कों का निर्माण करवाया गया. इन पार्कों में बसपा संस्थापक कांशीराम, मायावती और हाथियों की मूर्तियां लगवाई गई थीं. ये मुद्दा इससे पहले भी चुनावों में उठता रहता है और विपक्षी इस मुद्दे पर निशाना साधते हैं. बसपा शासनकाल में ये पार्क लखनऊ, नोएडा समेत अन्य शहरों में बनवाए गए थे.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भी 2015 में उत्तर प्रदेश की सरकार से पार्क और मूर्तियों पर खर्च हुए सरकारी पैसे की जानकारी मांगी थी. उत्तर प्रदेश में पूर्व की समाजवादी पार्टी सरकार इस मुद्दे पर बसपा को घेरते रहे हैं.
खर्च हुए थे करीब 6000 करोड़!
उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के दौरान लखनऊ विकास प्राधिरकरण (LDA) के रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बनाए गए पार्कों पर कुल 5,919 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे.
रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर BSP के चुनाव चिन्ह हाथी की पत्थर की 30 मूर्तियां जबकि कांसे की 22 प्रतिमाएं लगवाई गईं थी. इसमें 685 करोड़ का खर्च आया था. इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन पार्कों और मूर्तियों के रखरखाव के लिए 5,634 कर्मचारी बहाल किए गए थे.
गौरतलब है कि 2012 विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. तब अखिलेश ने मायावती पर 40 हजार करोड़ के मूर्ति घोटाले का आरोप लगाया था.