ब्यूरो रिपोर्ट :6 जनवरी 2018
जयराम सरकार ने कांग्रेस सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है। शिक्षा विभाग से जुड़ा फैसला बदले जाने से 3400 प्राथमिक सहायक शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। इन्हें अब वार्षिक तीन फीसदी मानदेय वृद्धि के लिए अक्तूबर 2018 तक इंतजार करना होगा। पूर्व की कांग्रेस सरकार ने सितंबर महीने में कैबिनेट बैठक कर अक्तूबर 2017 से शिक्षकों को मानदेय वृद्धि देने का फैसला लिया था। कांग्रेस सरकार के समय सितंबर महीने में हुई कैबिनेट ने प्रदेश के स्कूलों में नियुक्त 3400 प्राथमिक सहायक शिक्षकों को वार्षिक मानदेय वृद्धि देने का फैसला लिया था।
कैबिनेट ने पैट को सालाना 650 रुपये की मानदेय में बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस घोषणा से सरकार पर ढाई करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ने की बात भी कही गई थी। कैबिनेट के इस फैसले के बाद कुछ जिलों के ब्लॉकों में पहली अक्तूबर तो कुछ ने तीन अक्तूबर से पैट को मानदेय वृद्धि दे दी।
मानदेय वृद्धि देने की तारीख स्पष्ट नहीं होने के चलते कुछ जिलों के उपनिदेशकों ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखकर वार्षिक वृद्धि देने की तारीख को स्पष्ट करने को कहा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने स्पष्टीकरण के लिए मामला वित्त महकमे को भेज दिया।
इसी बीच प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लग गई। अब नई सरकार बनने के बाद वित्त महकमे ने प्राथमिक सहायक शिक्षकों को मानदेय वृद्धि अक्तूबर 2018 से देने के आदेश दिए हैं। वित्त महकमे का कहना है कि मानदेय वृद्धि की अधिसूचना जारी होने के एक साल बाद से यह फैसला लागू होगा।
कई शिक्षकों से रिकवरी की तैयारी
प्रदेश के कुछ जिलों के ब्लॉकों में पहली और तीन अक्तूबर से प्राथमिक सहायक शिक्षकों को मानदेय वृद्धि दे दी गई है। अब नया फैसला आने के बाद इन शिक्षकों से रिकवरी की जाएगी। कितने शिक्षकों को वित्तीय लाभ जारी हुए हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इसका ब्यौरा जिलों से तलब किया है।
सीएम, शिक्षा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग
अखिल भारतीय अस्थाई अध्यापक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील चौहान और राष्ट्रीय प्रेस सचिव चंदन नेगी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। महासंघ का कहना है कि 21500 मानदेय पर तीन प्रतिशत वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू होनी चाहिए थी।
मानदेय वृद्धि के लिए एक साल का इंतजार करना आवश्यक नहीं रहता है। उन्होंने बताया कि वेतन पर इंक्रीमेंट एक साल बाद लगती है जबकि मानदेय पर वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू होती है। पैट को पहले भी मानदेय वृद्धि अधिसूचना जारी होने के तत्काल बाद मिलती आई है।