आई 1 न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट गैर-भाजपा शासित राज्यों के पेट्रोल-डीजल पर कर राहत देने से इनकार के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके ‘‘असंतुष्ट सहयोगियों’’ की मंशा पर सवाल उठाया। जेटली ने कहा कि जब आम आदमी को राहत देने की बात आती है तो लगता है राहुल गांधी और उनके सहयोगी दल केवल ट्वीट करने और टेलीविजन ‘बाइट’ देने को ही प्रतिबद्ध दिखाई देते हैं।
जेटली ने फेसबुक पर ‘तेल की कीमतें और विपक्ष का पाखंड’ शीर्षक से एक लेख लिखा है। केन्द्र सरकार के पेट्राल-डीजल के दाम में 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती को ‘‘खराब आर्थिक प्रबंधन’’ बताने वाले विपक्ष की आलोचना करते हुये जेटली ने कहा कि यह उसके (विपक्ष के) पहले के रुख के उलट है।
उन्होंने कहा कि जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो राज्यों को अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त होता है क्योंकि राज्यों में कर मूल्यानुसार लिया जाता है। उन्होंने कहा कि अब ऐसी स्थिति है जहां कई गैर-भाजपा और गैर-राजग शासित राज्यों ने कर में कटौती कर ग्राहकों को लाभ नहीं पहुंचाया है। लोग इसका क्या निष्कर्ष निकालेंगे।?
जेटली ने कहा कि क्या राहुल गांधी और उनके अनिच्छुक सहयोगी जब जनता को राहत देने की बात आती है तो केवल टीवी पर बयान देने और ट्वीट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं? उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों की चुनौती काफी गंभीर है और विपक्ष के कुछ नेताओं के बयानों या ट्वीटों से इसका समाधान नहीं हो सकता है।