ऑय 1 न्यूज़ चैनल
डेस्कटॉप रिपोर्ट अभिषेक धीमान ,
चंडीगढ़, 12 अक्तूबर 2018
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब की कोर समिति के चेयरमैन और विधायक प्रिंसिपल बुद्ध राम ने पंजाब सरकार की तरफ से बिजली और केंद्र सरकार की तरफ से डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार किये जा रहे वृद्धि का तीखा विरोध करते हुए कहा कि पंजाब और केंद्र की सरकारें अब आम लोगों की सहनशीलता का ओर इम्तिहान न लें महंगाई बर्दाश्त से बाहर हो चुकी है। जिस पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार हर तिमाही बिजली महंगी कर और केंद्र की नरिन्दर मोदी सरकार हर रोज पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतें चढ़ा कर आग पर तेल डाल रही हैं।
प्रिंसिपल बुद्ध राम ने कहा बिजली, डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों में मामूली विस्तार गरीब से अमीर तक सभी वर्गों की रोजमर्रा की जिंदगी को सीधा प्रभावित करता है, परंतु इस सम्बन्धित सूबा सरकार और केंद्र सरकार को कोई प्रवाह नहीं। अपने 20 महीने के कार्यकाल दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लोगों के साथ किये चुनावी वायदों में से एक भी वायदा पूरा नहीं किया परंतु बिजली 4-5 बार महंगी कर दी है। प्रिंसिपल बुद्ध राम ने कहा कि यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के मन में पहले ही महंगाई की मार बर्दाश्त कर रहे पंजाब के आम लोगों के प्रति कोई दर्द होता तो वह तेल और कोइले की कीमतों में वृद्धि की पूर्ति के लिए बिजली खप्तकारों पर फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट (ऐफसीए) के नाम पर प्रति यूनिट 12 पैसों का ओर भार डालने की बजाए यह ‘एडजस्टमेंट’ डीजल-पेट्रोल में से वसूले जाते सूबे टैकस (वैट) में से करते। प्रिंसिपल बुद्ध राम ने कहा कि पंजाब सरकार को दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार से सीध लेनी चाहिए, क्योंकि केजरीवाल बिजली की दरें महंगी करने की बजाए सस्ते करते आ रहे हैं, नतीजण जहां आज पंजाब देश में महंगी बिजली वाले सूबे में शुमार है, वहीं दिल्ली सरकार अपने बिजली खप्तकारों को सब से सस्ती बिजली मुहैया करने वाली सरकार है।बेमौसमी बारिश के कारण हुए नुक्सान की भरपाई करे सरकार -डा. बलबीर सिंह
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सह -प्रधान डा. बलबीर सिंह ने पंजाब सरकार से मांग की है कि वह बेमौसमी बारिश के कारण हुए भारी नुक्सान की भरपाई के लिए दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार की तजऱ् पर कम से कम 20 हज़ार रुपए एक मुश्त मुआवजा पंजाब के किसानों को दिया जाये। उन्होंने कहा कि मौसम की खऱाबी, बेमौसमी बारिश और दरियाई इलाकों में पानी चढऩे के कारण धान की झाड़ में औसतन 5 क्विंटल प्रति एकड़ झाड़ की कमी आई है। डा. बलबीर सिंह ने ताज़ा बारिश और गड़ेमारी से प्रभावित इलाकों की विशेष गिरदावरी की मांग की।