स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने बताया कि पाइपलाइन से गैस सप्लाई की इजाजत पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड देता है। सप्लाई देने का अधिकार संबंधित निगम या काउंसिल के पास होता है। बोर्ड द्वारा इजाजत के बाद गैस कंपनियां संबंधित निकायों को निर्धारित सालाना किराया देती हैं। सिद्धू ने बताया कि पुरानी नीति में कंपनियों को हमेशा केलिए सिर्फ एक ही बार किराया देना था। जोकि बहुत बड़ी रकम बनती है।
इसके बाद विभाग ने एक मुश्त के बजाय सालाना किराया लेने का फैसला किया है। इस नीति से अब हर तरह केउपभोक्ता पाइपलाइन के जरिए गैस प्राप्त कर सकेंगे। जिनमें घरेलू प्रयोग, ट्रांसपोर्टेशन, व्यापारिक और औद्योगिक प्रयोग शामिल हैं। इससे गैस चोरी पर रोक लगेगी, लोगों को गैस सिलेंडर लेने केलिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। सिद्धू ने बताया कि पहले चरण में इसका काम सात शहरों में शुरू होगा।