मोहाली 25 जनवरी किसानों की उन्नति के लिए मशीनीकरण जरूरी पंजाब व हरियाणा में देश की खाद्यान्नों की मांग को पूरा करने के लिए कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा दिए जाने से ही किसानों के हालात सुधरेंगे।
देश की खाद्यान्नों की मांग को पूरा करने के लिए कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया जा रहा है। उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी व कृषि मशीनीकरण के परिणाम स्वरूप वर्ष 1950-51 के मुकाबले खाद्यान्न और बागवानी फसलों की पैदावार में क्रमश: 8 व 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। परंतु यह खाद्यान्नों की भविष्य की जरूरत के लिए पर्याप्त नहीं है। किसानों के लिए पहले तीन ‘म’ – मानसून, मनी व मार्केट महत्वपूर्ण माने जाते थे लेकिन अब एक और ‘म’ यानि मशीनरी ने भी स्थान ले लिया है। यह बात पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ बी एस ढिल्लों ने कही।
वे शनिवार को कृषि यांत्रिकी एवं मशीनरी पर तीन दिवसीय इंडिया एग्री प्रोग्रेस एक्सपो के अंतिम दिन के तकनिकी सेमिनार में किसानों व् पंजाब व् नेशनल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों व् मेंबर्स को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में कृषि मशीनीकरण मिशन को शामिल किया था जो कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावशाली कदम साबित हो रहा है । हालाँकि कृषि मशीनीकरण अपनाने में हरियाणा और पंजाब अन्य प्रदेशों से काफी आगे हैं। उन्होंने कहा मशीनीकरण से केवल कृषि पैदावार ही नहीं बढ़ती अपितु इससे खेती की लागत भी कम आती है। इसको बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित एवं योग्य मानव बल की आवश्यकता है।
डॉ बलदेव सिंह ,फाउंडर प्रेसिडेंट आल इंडिया मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग असोसिएशन ने सभी का धन्यवाद किया व सरकार के सहयोग से ऐसे एक्सपो नियमित रूप से ।आयोजित करने की मांग की।