भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से कहा है कि वो अपनी एटीएम मशीनों में इस तरह से बदलाव करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसमें 200 रुपए के अधिक नोट आम पब्लिक के लिए रखे जा सकते हैं। दरअसल रिजर्व बैंक इस छोटे मूल्यवर्ग के नोट की सप्लाई में इजाफा करना चाहती है।इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले के जानकार दो लोगों ने बताया कि बैंकिंग उद्योग की ओर से नियामक के आदेश को लागू करने में 110 करोड़ रुपये से अधिक की खर्चा किए जाने की संभावना है। बैंकों को पूरे देश में 2.2 लाख एटीएम मशीनों में बदलाव करना होगा और प्रत्येक एटीएम पर अनुमानित रूप से 5000 रुपये खर्च करने होंगे।
नाम न छापने की शर्त पर आरबीआई के इस आदेश की जानकारी रखने वाले एक बैंकर ने बताया, “आरबीआई ने बैंकों और एटीएम मैन्युफैक्चरर से कहा है कि वो सुनिश्चित करें कि जल्द से जल्द एटीएम मशीनों में 200 रुपए का नया नोट रखा जा सके।
यह एक अच्छा कदम है क्योंकि हमें 2000 रुपए के नोट के बजाए छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की जरुरत है। हालांकि इस पूरी योजना को अमल में लाने के लिए 5 से 6 महीनों का वक्त लग सकता है।”
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2017 में नोटबंदी के बाद जब 2000 और 500 के नोट जारी किए गए थे। जब छुट्टे की बड़ी दिक्कतें सामने आईं थी, क्योंकि तब बाजार में 100 रुपए के नोटों की संख्या भी काफी कम थी। इस वजह से आरबीआई ने 200 रुपए के नोट को जारी करने का फैसला लिया था।