आई 1 न्यूज़ जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खात्मे को चलाए जाने वाले आपरेशन आलआउट पर डीजीपी एस. पी. वैद के बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बयान दिया है। सेना प्रमुख ने संवाददाताओं से बातचीत में यह साफ किया कि राज्यपाल शासन से आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा । उन्होंने कहा कि सेना के काम पर कोई राजनीतिक दखल नहीं दिया जा रहा है । हमनें केवल रमजान के दौरान (जम्मू-कश्मीर में) ऑपरेशन बंद किया था । लेकिन हमने देखा कि क्या हुआ ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: राज्यपाल ने बुलाई बैठक, डीजीपी बोले- आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज होगा | उल्लेखनीय है कि इससे पहले, इसी संबंध में डीजीपी एस. पी. वैद ने कहा कि आने वाले दिनों में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज होगा। आतंक फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। एसपी वैद ने यह भी कहा कि राज्यपाल के शासन में पुलिस को काम करने में काफी आसानी होगी। बता दें कि सीजफायर की समाप्ति के बाद पिछले दो दिनों में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन में चार आतंकी ढेर किए हैं । गौरतलब है कि कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर राजनीति भारी पड़ रही थी। रमजान में एकतरफा सीजफायर करने का फैसला भारी पड़ा। आतंकी सेना और पुलिस पर हावी हो गए थे। जिसके बाद आपरेशन आलआउट फिर से जारी रखने के निर्देश दिए गए। सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस को चार दिन पहले ही बोल दिया गया था कि आतंकियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करें। इसमें कोई राजनीति हस्तक्षेप नहीं होगा। तीन दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एकतरफा सीजफायर को वापिस कर लिया। उसके अगले ही दिन सेना प्रमुख रियासत के दौरे पर पहुंच गए। आपरेशन आल आउट में कहीं न कहीं राजनीतिक हस्तक्षेप एक बड़ा रोड़ा बन गया था। वहीं, रक्षा विशेषज्ञों की भी राय है कि अब सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। एकतरफा सीजफायर का आखिर नतीजा क्या हुआ।
जम्मू-कश्मीर राज्यपाल ने बुलाई बैठक, डीजीपी बोले- आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज होगा
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