asd
Tuesday, December 3, 2024
to day news in chandigarh
HomeLatest Newsचंडीगढ़ में कचरे के पहाड़ों के बीच में बीमारियां झेलते हुए रहने...

चंडीगढ़ में कचरे के पहाड़ों के बीच में बीमारियां झेलते हुए रहने को मजबूर डड्‌डू माजरा कॉलोनी के लोगों की एक उम्मीद जागी है।

आई 1 न्यूज़  02 दिसंबर 2022 (अमित सेठी ) चंडीगढ़ में कचरे के पहाड़ों के बीच में बीमारियां झेलते हुए रहने को मजबूर डड्‌डू माजरा कॉलोनी के लोगों की एक उम्मीद जागी है। सेक्टर 25 स्थित सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट (अपग्रेडेड) का आज शहर के प्रशासक बीएल पुरोहित ने उद्घाटन किया। अब 6 साल बाद एक बार फिर से यहां गार्बेज की प्रोसेसिंग होगी। इससे रोजाना शहर का 200 टन कचरा प्रोसेस होगा। फिलहाल डड्‌डू माजरा के डंपिंग ग्राउंड में कचरा डंप हो रहा है। वहां लोगों को सांस और स्किन संबंधी रोग हो रहे हैं। आज सुबह प्लांट के उद्घाटन अवसर पर प्रशासक समेत सेक्टर 25 से आम आदमी पार्टी की पार्षद पूनम समेत निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा, मेयर सर्बजीत कौर, प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल व सांसद खेर भी मौजूद रही। जानकारी के मुताबिक प्लांट की पुरानी मशीनरी को रिपेयर किया जा चुका है। वहीं प्लांट की भी अपग्रेडेशन हुई है।

कचरे का अच्छे से प्रबंधन होगा

इस दौरान मेयर सर्बजीत कौर ने कहा कि मेयर बनने के बाद से उनका यही प्रयास था कि शहर में कचरे का अच्छे से प्रबंधन हो सके और शहर में कचरे के ढेर न लगे। उन्होंने कहा कि शहर में कचरे के प्रबंधन को लेकर इस प्लांट की फिर से शुरुआत की गई है। वहीं दूसरी ओर शहर में C&D वेस्ट प्लांट भी काम कर रहा है। इसके अलावा होर्टीकल्चर वेस्ट प्लांट भी जल्द शुरू हो जाएगा।

 

कूड़े के पहाड़ से राहत

दिलाने का दावा प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल ने दावा किया कि अगले वर्ष जनवरी के अंत तक एक डंप साइट पूरी तरह से साफ हो जाएगी। वहीं दूसरी साइट का काम शुरु हो गया है और मशीनरी लगा दी है। डेढ़ से 2 सालों में कचरे के पहाड़ खत्म हो जाएंगे। वहीं हाल ही में चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने नगर निगम पर 9.30 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। इस पर धर्म पाल ने कहा कि प्रशासन की कहीं कमी रह गई थी।करोड़ों की मशीन खरीदने के बावजूद हालात खराब
बता दें कि डड्डू माजरा में कचरे के विशाल पहाड़ बन चुके हैं। चंडीगढ़ नगर निगम सफाई के नाम पर करोड़ों की मशीनें खरीद चुका है। मगर, हालात डड्‌डू माजरा में हालात अभी भी खराब हैं। दूसरी ओर शहर के कई सेक्टरों में भी गंदगी के हालात हैं।

 

शहर के कचरे की स्थिति

शहर में रोजाना 550 टन के लगभग कचरा निकलता है। इसमें 250 टन कचरा सूखा होता है। वहीं 300 टन गीला कचरा होता है। गार्बेज प्रोसेसिंग प्लांट में 200 टन सूखा कचरा प्रोसेस किया जाएगा। वहीं 200 टन गीला कचरा कंपोस्ट प्लांट में भेजा जाएगा। वहीं 150 टन कचरा डंपिंग ग्राउंड में ही रखा जाएगा। इसमें 50 टन सूखा और 100 टन गीला कचरा शामिल होगा।

यह है प्लांट का विवादित इतिहास
वर्ष 2005 में सेक्टर 25 में गार्बेज प्रोसेसिंग प्लांट लगाने को लेकर निगम ने जेपी ग्रुप के साथ एग्रीमेंट किया था। वर्ष 2008 में यह प्लांट चलना शुरू हुआ था। वहीं बाद में प्लांट में कचरे की प्रोसेसिंग सही ढंग से न होने की बात सामने आई। जिसके बाद NGT ने भी सख्ती दिखाई।

वर्ष 2020 के मध्य में निगम ने जेपी से प्लांट का पोजेशन ले लिया। निगम ने हाउस में फैसला लिया कि वह खुद इस प्लांट को चलाएगा। इसके लिए मशीनरी रिपेयर की जाएगी। जिसके बाद टेंडर निकाल प्लांट का ऑपरेशन एनी एस्टेक्नो नामक कंपनी को दिया गया है। प्लांट की रिपेयर और एक साल के ऑपरेशन का खर्च 6 करोड़ से ज्यादा बैठ रहा है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments