ऑय 1 न्यूज़ 15 जनवरी 2019 रिंकी कचारी) यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय पूरी दुनिया में कुंभ के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं लेकिन उनके ही राज्य में 35 साल की एक गैंगरेप पीड़ित महिला पुलिस के अंदाज से तंग आकर सुसाइड कर लेती है. ये हालत तब हैं जब 4 महीने पहले खुद उनके ही आवास के सामने महिला पहले ही एक बार सुसाइड का प्रयास कर चुकी थी.
35 साल की महिला से दो आरोपियों ने तंत्र-मंत्र का सहारा लेकर लेकर रेप किया और फिर अश्लील वीडियो बनाया. पुलिस में मामला गया तो काफी हीला-हवाली के बाद एफआईआर दर्ज की गई. दिखावे की इस एफआईआर में जैसे ही पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट लगाई, महिला का धैर्य चुक गया और उसने सुसाइड कर लिया.
यूपी पुलिस का ये घिनौना चेहरा गोंडा जिले में देखने को मिला जहां सोमवार को एक महिला ने सुसाइड कर लिया. सिस्टम को झकझोर देने वाली ये घटना गोंडा जिले के करनैलगंज इलाके की है जहां सिस्टम ने गैंगरेप और अश्लील वीडियो बनाने वाले दोनों आरोपियों को क्लीन चिट दे दी.
घटना के बारे में पीड़िता के पति ने बताया कि वह रोजी-रोटी के सिलसिले में हरियाणा गया था. इसी बात का फायदा उठाकर गांव के ही श्याम कुमार उर्फ बुधई व शंकर दयाल उर्फ बबलू उसकी पत्नी के पास पहुंचे. मौके का फायदा उठाकर वह उसकी पत्नी को गुमराह करने लगे कि उसके पति के हरियाणा में किसी दूसरी महिला से संबंध हैं. दोनों लोगों ने खुद को तांत्रिक विद्या का जानकार बताकर उसे लगातार ब्लैकमेल किया.
सामूहिक दुष्कर्म करके वीडियो बना लिया
पति ने आगे बताया कि 7 फरवरी 2018 को उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करके वीडियो बना लिया. वीडियो वायरल करने की धमकी देकर वे लगातार दुष्कर्म करते रहे. परेशान होकर पत्नी ने उसे आपबीती सुनाई. हमने फिर पुलिस थाने जाने की सोची.
इस पर गोंडा पुलिस ने 7 अगस्त 2018 को पुलिस ने गैंगरेप धारा 376 D (गैंगरेप ) और 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया. लेकिन विवेचक इंस्पेक्टर अजीत प्रताप सिंह ने फाइनल रिपोर्ट में उन्हें निर्दोष बताते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी.
सीएम आवास पर सुसाइड का किया था प्रयास
कार्यवाही समाप्त होते देख पीड़िता ने 15 सितम्बर 2018 को लखनऊ में विधानसभा के सामने धरना दिया था. उस समय इस मामले ने बड़ा तूल पकड़ा मगर पुलिस कर्मियों ने उसे वहां से हटा दिया. इसके बाद वह मुख्यमंत्री आवास के सामने पहुंची और केरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था. यहां भी पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और न्याय दिलाने का आश्वासन देकर गोंडा भेज दिया था. इसके बाद दिखावे के लिए कार्यवाही होती रही लेकिन महिला को न्याय फिर भी न मिला.
इस पर तत्कालीन एसपी ने केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया. क्राइम ब्रांच ने भी इस मामले को हल्के में लिया और पूर्व की कार्यवाही को सही ठहराया. इससे महिला सरकार के इस पूरे सिस्टम से हताश हो गई और आहत होकर अपने जीवन को फंदे पर लटकाकर समाप्त कर लिया.
क्या कहती है यूपी पुलिस
पुलिस के आला अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए दोनों विवेचकों और इंस्पेक्टर को सस्पैंड कर दिया है. यूपी पुलिस ने ट्वीट करते हुए घटना और बाद के हालातों के बारे में जानकारी दी है.