ब्यूरो रिपोर्ट 7 मार्च 2018
दरबार साहिब की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था बर्मिंघम ने इस पर चढ़े सोने की धुलाई और सफाई की सेवा शुरू की। यह सेवा करीब 10 दिन चलेगी। बर्मिंघम से जत्थे के साथ आए लोगों ने बताया कि जत्थे ने 1995 में पहली बार यह सेवा निभाई थी। इसके बाद सोने के नए पतरे चढ़ाए गए, क्योंकि महाराजा रणजीत सिंह की तरफ से 100 साल से पहले जो सोने की सेवा करवाई गई थी, वह फीका पड़ गया था। इसके बाद 2003 में सोने की सफाई सेवा शुरू की गई। 800 किलो सोने चढ़ा है मंदिर के ऊपर…
– इस बार 35 श्रद्धालुओं का जत्था बर्मिंघम से आया है, जिसमें महिला श्रद्धालु भी शामिल हैं।
– प्रदूषण के कारण सोने की चमक फीकी पड़ जाती है, इसलिए समय-समय पर रीठा पाउडर वाले पाने से इसकी धुलाई की जाती है।
– मंदिर की धुलाई के लिए पहली बार इंग्लैड से लोग बुलाए गए थे।
– बर्मिंघम (इंग्लैंड) के गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था के मुखी भाई महिंदर सिंह निभा रहे हैं।