आई 1 न्यूज़ 21 नवम्बर 2018 (अमित सेठी ) गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान और उसके बाद हुई हिंसा के मामले में फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के सामने पेश हुए। ये एसआइटी पंजाब सरकार ने बनाई है। अक्षय कुमार के अलावा पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को भी इसी मामले में SIT ने बुलाया था।
एसआईटी प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल से चंडीगढ़ में पहले ही पूछताछ कर चुकी है। SIT ने बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार को अमृतसर की बजाय चंडीगढ़ में पेश होने का विकल्प दिया है।
क्या था पूरा मामला? तीन साल पहले पंजाब में श्री गुरुग्रंथ साहिब और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अपमान हुआ था, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई थी। विरोध प्रदर्शन के दौरान बहिबल कलां में पुलिस फायरिंग में कई लोगों की मौत हो गई थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने इन घटनाओं और फायरिंग मामलों की जांच के लिए जस्टिस रणजीत सिंह आयोग का गठन किया था। आयोग ने कई बड़े नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
अक्षय पर क्या है आरोप? उस समय डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था। अक्षय कुमार पर आरोप है कि उन्होंने राम रहीम सिंह को माफी दिलवाने के लिए मीडिएटर का काम किया था। इस पर चर्चा करने के लिए अक्षय कुमार ने अपने घर पर सुखबीर बादल और कुछ लोगों के साथ बैठक की थी।
अक्षय कुमार की सफाई अक्षय कुमार ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा था कि वे कभी भी गुरमीत राम रहीम से नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा था, ”मैं जिंदगी में कभी भी, कहीं भी गुरमीत राम रहीम से नहीं मिला हूं। मुझे सोशल मीडिया से ही पता चला कि राम रहीम मुंबई के जुहू में मेरे ही इलाके में कहीं रहता था लेकिन हम दोनों एक-दूसरे से कभी नहीं मिले हैं।
इतने साल में मैंने पूरी तरह से समर्पण के साथ पंजाब की संस्कृति, समृद्ध इतिहास और सिख परंपरा को बढ़ावा देने वाली फिल्में की हैं जैसे – ‘सिंह इज किंग’ और ‘केसरी’. मुझे पंजाबी होने पर गर्व है और सिख आस्था के प्रति मेरे मन में बेहद सम्मान है।”