पी.यू.प्रबंधन की ओर से निर्देश जारी किए गए कि जिन सेवानिवृत्त प्रोफैसरों को ज्यादा पैंशन दे दी गई है, उनसे यह भविष्य में दी जाने वाली पैंशन से काट ली जाएगी। इन निर्देशों के तहत इन रिटायर प्रोफैसरों से पहली किश्त के तौर पर जनवरी में पैंशन में कुछ पैसे काट भी लिए गए। यह पैसे पंैशनर्ज को दिए जाने वाले एरियर में से काटे गए।
119 पैंशनर्स ने याचिका डाली
जिन्हें ज्यादा पैंशन दी जा चुकी है, उनमें से 119 ने यह याचिका डाली है कि जो पैंशन एक बार पैंशनर्स को दी जा चुकी है, अगर वह प्रबंधन की गलती से फिक्स हुई है तो उसे रिकवर नहीं किया जा सकता। साथ ही जो पैंशन रिटायर प्रोफैसरों को सत्र 2006 से पहले दी गई थी, वहीं पैंशन नियमों के तहत ठीक दी जा रही थी, उसे पी.यू. की तरफ से रिवाइज नहीं किया जाना चाहिए।
वकील आर.डी. आनंद ने कहा कि पहले मैं पी.यू. में प्रोफैसर था। जब पी.यू. ने रिकवरी शुरू की तो मैं रिटायर होने के बाद लॉकी प्रैक्टिस क ररहा था। नियमों के तहत जो पैंशन दी जा चुकी है, उसे अब रिकवर नहीं किया जा सकता। अगर पैंशन ज्यादा दी जा रही है तो उसे आगे के लिए कम जरूर किया जा सकता है। मैंने अदालत में केस फाइल कर दिया। अब काफी पैंशनर्स के स फाइल कर चुके हैं और उन्हें उनकी पैंशन में से पैसे न काटन ेके लिए उन्हें स्टे मिल चुकी है।