सीएम जयराम ठाकुर ने दिल्ली में हुई राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक में हिमाचल के महत्वपूर्ण मामले उठाए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार से बजट में हिमाचल के उद्योगों के लिए विशेष रियायतें देने का मसला उठाया है।
उन्होंने सूबे में स्थापित उद्योगों को अगले पांच साल तक टैक्स में सौ फीसदी छूट और उसके बाद अगले पांच सालों के लिए 50 प्रतिशत टैक्स छूट देने का आग्रह किया है। सीएम ने पर्वतीय राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सात साल की अवधि के लिए ब्याज में सात फीसदी छूट देने का भी अनुरोध किया। जयराम ठाकुर नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों की बजट पूर्व बैठक में संबोधित कर रहे थे। सीएम ने जेटली से अलग से मुलाकात करके भी सूबे के कई मसले उठाए।
हेली टैक्सी सेवाओं के लिए उठाई ये मांग
मुख्यमंत्री ने उत्तर-पूर्वी राज्यों की तर्ज पर संचालित हवाई उड़ानों और हेली टैक्सी सेवाओं के लिए सब्सिडी की मांग की। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की राजधानियों में हवाई अड्डों के विस्तार की घोषणा को भी केंद्रीय बजट में शामिल किया जाए।
साथ ही पर्वतीय राज्यों में हवाई अड्डों के लिए बजट में प्रावधान का सुझाव दिया। सीएम जयराम ने औद्योगिक विकास के लिए कारपोरेट टैक्स दर को 20 प्रतिशत तक कम करने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय राज्यों के लिए एक व्यापक औद्योगिक नीति तैयार करने को बनी विशेष समिति ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। मुख्यमंत्री ने नई घोषणाओं तक राज्य को केंद्रीय पूंजीगत निवेश सब्सिडी जारी रखने का आग्रह किया।
उन्होंने किराया-भाड़ा यानी फ्रेट सब्सिडी योजना को दोबारा शुरू करने और 75 प्रतिशत की दर से लगभग पांच करोड़ रुपये की परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति के लिए भी आग्रह किया।
विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़े
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय बजट 2018-19 में घोषित विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का भी आग्रह किया ताकि हिमाचल के बागवानों के हितों की रक्षा की जा सके। सीएम ने कनेक्टिविटी में सुधार के लिए राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार और सुधार के लिए प्राथमिकता प्रदान करने की मांग की।
उन्होंने भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन के निर्माण के अलावा पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल लाइन के विस्तार का भी आग्रह किया। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजनाएं घोषित करने की गुहार लगाई।
पर्यावरण मंजूरी की शक्तियों का हस्तांतरण मांगा
मुख्यमंत्री ने 50 मेगावाट से अधिक की जलविद्युत परियोजनाओं की पर्यावरण मंजूरी देने के लिए शक्तियों के हस्तांतरण का अधिकार राज्य सरकार को देने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कार्यों में तेजी लाने के लिए एफसीए एक्ट-1980 के तहत राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति प्रदान
करने की शक्तियों को एक हेक्टेयर से बढ़ाकर पांच हेक्टेयर करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 100 से अधिक और 250 से कम की आबादी वाले क्षेत्रों को शामिल करने का भी आग्रह किया।
सिंचाई परियोजनाओं के लिए मांगे इतने करोड़
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल 111 सिंचाई परियोजनाओं के लिए 289 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की भी मांग की। उन्होंने फिन्ना सिंह और नादौन सिंचाई प्रोजेक्टों को मंत्रालय की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में शामिल करने का आग्रह किया ताकि इनका निर्माण दिसंबर 2019 तक पूरा किया जा
सके। उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत जनजातीय तथा गैर-जनजातीय क्षेत्रों में मजदूरी दरों में असमानता को दूर करने का भी अनुरोध किया। सीएम ने राज्य के लिए वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में आपदा निवारण निधि घोषित करने का आग्रह किया।