ऑय 1 न्यूज़ 28 दिसम्बर 2018 (रिंकी कचारी) करीब 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके कादर खान की हालत क्रिटिकल है. उन्हें BiPAP वेंटीलेटर पर रखा गया है. उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. फिलहाल वो कनाडा में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी हालात को देखते हुए रेगुलर वेंटीलेटर पर रखना ठीक नहीं है. अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर उनकी सलामती के लिए दुआएं मांगी हैं. जानिए कादर खान के बेमिसाल करियर और फिल्मोग्राफी को.
कादर खान 1937 में अफगानिस्तान के काबुल में जन्मे थे. कादर खान की परवरिश बेहद गरीबी के बीच हुई है. कादर खान को मां की कही एक बात ऐसी लगी कि इसने उनकी जिंदगी बना दी. कादर की मां ने कहा था कि यदि परिवार की गरीबी मिटाना चाहते हो तो पढ़ाई पर फोकस करो. इसके बाद कादर खान ने खुद को पढ़ाई लिखाई में झोंक दिया.
कादर खान ने इस्माइल यूसुफ कॉलेज से इंजीनियरिंग की और एमएच सैबू सिद्दिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हो गए. उन्हें उर्दू शायरी पढ़ने लिखने का भी बहुत शौक था. जब अपने कॉलेज में कादर खान एनुअल फंक्शन में परफॉर्म कर रहे थे, तब दिलीप कुमार उनकी अदाकारी से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें अपनी अगली फिल्म में साइन कर लिया. इसके बाद कादर का परिवार मुंबई आ गया और यहां उन्होंने अदाकारी में अपना करियर शुरू किया.
एक्टिंग के अलावा कादर खान ने 250 से ज्यादा फिल्मों में डायलॉग भी लिखे हैं. फिल्म रोटी (1974) के डायलॉग लिखने के लिए राजेश खन्ना और मनमोहन देसाई ने उन्हें 1.21 लाख रुपए की फीस दी थी, जो उस समय बहुत ज्यादा मानी जाती थी. शुरू में कादर खान ने मुद्देपरक फिल्में कीं. इनमें बेनाम, गूंज, अनारी, महाचोर, अदालत, बैराग, खून पसीना, मुक्ति, परवरिश और भोला भाला जैसी फिल्में कीं.
इसके बाद कादर खान और गोविंदा की जोड़ी को परदे पर काफी पसंद किया गया. इनमें दरिया दिल, राजा बाबू, कुली नंबर 1, छोटे सरकार, आंखें, तेरी पायल मेरे गीत, आंटी नंबर 1, हीरो नंबर 1, राजाजी, नसीब, दीवाना मैं दीवाना, दूल्हे राजा, अखियों से गोली मारे आदि फिल्में कीं. कादर कॉमेडी रोल्स के लिए काफी पसंद किए गए.
हाल ही के सालों में कादर अमन के फरिश्ते, लतीफ, हो गया दिमाग का दही, दीवाना मैं दीवाना, देशद्रोही, महबूबा आदि फिल्मों में नजर आए. पिछले कुछ समय से कादर अस्वस्थ चल रहे हैं. उन्होंने फिल्मों से पूरी तरह दूरी बना ली है.