अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा- ओवैसी मुस्लिम जवानों की संख्या की गिनती कर सकते हैं लेकिन क्या वह यह भी गिन सकते हैं कि आतंकी संगठनों में कितने मुस्लिम हैं जो हमारी सेना पर हमला कर रहे हैं? स्वामी से पहले उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने भी एआईएमआईएम प्रमुख को करारा जवाब देते हुए कहा था कि सेना हर धर्म से ऊपर है।
औवेसी के नाम लिए बिना अनबू ने कहा था- जो लोग जवानों को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं वह सेना को ठीक तरह से जानते नहीं हैं। सेना सर्व धर्म स्थल है। उन्होंने यह बातें बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही थीं। मंगलवार को ओवैसी ने भारतीय मुस्लिमों की देशभक्ति पर सवाल उठाने वाले सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि पांच कश्मीरी मुस्लिमों ने अपनी जान गवां दी। आप उनके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं। यह उन सभी राष्ट्रवादी लोगों के लिए चेतावनी है जो मेरी ईमानदारी और देश के लिए मेरे प्यार पर सवाल उठाते हैं।
ओवैसी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ट्विटर पर आलोचना करते हुए कहा कि ना तो उनके मंत्री और ना खुद उन्होंने आरा के सीआरपीएफ कांस्टेबल मुजाहिद आरा के परिवार से मुलाकात की। खान श्रीनगर के आर्मी कैंप में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। ओवैसी के ट्विट ने सोशल मीडिया पर एक तूफान मचा दिया था। जहां कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया तो वहीं कुछ लोगों ने उन्हें जवान की शहादत को सांप्रदायिक रंग देने के लिए आलोचना की।