पूर्व कांग्रेस सरकार के कई फैसले पलटने के बाद जयराम सरकार अब चुनाव से छह माह पूर्व खोले कॉलेजों को बंद करने की तैयारी में है। वीरभद्र सरकार ने साल 2017 में प्रदेश भर में 16 नए कॉलेज खोले थे। विद्यार्थियों की इनरोलमेंट शून्य होने के कारण इनमें से आठ कॉलेज अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं।
सात कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या 19 से 121 के बीच ही है। सिर्फ कांगड़ा जिले के मटौर में खुले कॉलेज मेें विद्यार्थियों की संख्या 440 है। शिक्षा विभाग ने नए खुले कॉलेजों की समीक्षा के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। अब तीन फरवरी को धर्मशाला में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा होगी।
माना जा रहा है कि सरकार एक दर्जन से ज्यादा कॉलेजों को बंद करने का फैसला ले सकती है। शिक्षा महकमे के अधिकारियों ने प्रस्ताव में लिखा है कि अधिकांश कॉलेजों को विभाग से फिजिबिलिटी रिपोर्ट लिए बिना खोला गया है।
ये सरकारी कॉलेज होंगे बंद
5 जून 2017 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट बैठक कर जिला चंबा के तेलगा, भलई, जिला कांगड़ा के देहरा, मटौर, ऊना के हरोली, सोलन के जयनगर और दाड़लाघाट में कॉलेज खोलने का फैसला लिया था।
18 सितंबर 2017 की कैबिनेट बैठक में ऊना के बसदेहड़ा, लाहौल स्पीति के काजा, शिमला के ज्यूरी, पबावो और सिरमौर के ददाहू और पछौता में डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला लिया था। 27 सितंबर की कैबिनेट बैठक में सिरमौर के नारग और मंडी के थाची में कॉलेज खोलने का फैसला लिया गया था।
किस कॉलेज में कितने विद्यार्थी
तेलगा 57
भलई 58
देहरा 130
मटौर 440
जयनगर 52
दाड़लाघाट 121
रोनहाट 19
इन कॉलेजों में नहीं आया एक भी विद्यार्थी
हिमाचल की पूर्व कांग्रेस सरकार में खोले गए इन सरकारी कॉलेजों में कुछ ऐसे है, जहां एक भी विद्यार्थी पढ़ने नहीं आया। इसमें बसदेहड़ा, काजा, ज्यूरी, पबावो, ददाहू, पछौता, नारग और थाची कॉलेज शामिल है। इससे इन कॉलेजों को खोलने पर ही सवाल खड़े हो गए है।
कांग्रेस सरकार ने कार्यकाल के अंतिम छह माह के दौरान आनन फानन में कई फैसले लिए हैं। इनमें बिना बजट के खोले नए कॉलेजों का मामला भी शामिल है। ऐसे सभी फैसलों की समीक्षा की जा रही है। मामला कैबिनेट में जा रहा है।– सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री