राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद संभालने के एक दिन बाद ही डॉ. डेजी ठाकुर एक्शन मोड में आ गई हैं। महिला आयोग ने सीएम के गृह क्षेत्र में रात भर नर्स को पुलिस मदद न मिलने पर मंडी पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। पुलिस अधीक्षक से इस मामले में तीन दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की गई है।
राज्य महिला आयोग ने अमर उजाला की खबर पर संज्ञान लेकर एसपी को नोटिस जारी किया है। बता दें कि बीते सोमवार को आधी रात को सिराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली नागरिक अस्पताल से एक नर्स रात भर पुलिस से मदद की गुहार लगाती रही।
इस दौरान महिला ने दो घंटे तक जंजैहली थाने में फोन किए लेकिन नर्स को पुलिस की ओर से कोई मदद नही मिली। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने भी वाजिब कार्रवाई करने की बात कही थी।
डॉ. डेजी ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थान में महिला नर्स से इस तरह के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महिला नर्स के साथ हुई यह घटना महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। पुलिस को फोन करने के बावजूद मदद न मिलना निंदनीय है। इस मामले में एसपी मंडी को नोटिस जारी कर दिया है और तीन दिन में रिपोर्ट तलब की गई है।
महिलाओं की सुरक्षा को उठाएंगे पुख्ता कदम: डेजी
प्रदेश में महिलाओं के हितों और उनके लिए कानूनी सुरक्षा उपायों को लेकर पुख्ता कदम उठाए जाएंगे। महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबरों पर भी शीघ्र ही ठोस निर्णय लिया जाएगा। – डॉ. डेजी ठाकुर, अध्यक्ष राज्य महिला आयोग
क्या है मामला
सीएम के गृह क्षेत्र जंजैहली नागरिक अस्पताल में तीमारदार युवकों पर हंगामा करने और अस्पताल को जलाने की धमकी देने के आरोप लगे थे। महिला स्वास्थ्य कर्मी ने ड्यूटी डायरी में वार्ड सिस्टर के नाम लिखे नोट में आरोप लगाने के साथ कहा कि वह रात भर लैंडलाइन, 100 नंबर और निर्भया हेल्पलाइन के नंबरों पर सुरक्षा की गुहार लगाती रही, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची।
एसएचओ, थाना स्टाफ, स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मियों से पूछताछ
सीएम के गृहक्षेत्र सिराज के सिविल अस्पताल जंजैहली में युवकों के हंगामे और नर्स को मदद न मिलने के मामले में पुलिस ने एसएचओ जंजैहली समेत ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से पूछताछ की है।
जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बयान भी लिए गए हैं। वीरवार को डीएसपी स्तर के जांच अधिकारी जंजैहली में ही मौजूद रहे। वहीं शुक्रवार को मामले की रिपोर्ट आला अधिकारियों को सौंप दी जाएगी।
अमर उजाला में छपी खबर के बाद हड़कंप मचने पर जांच के आदेश जारी किए गए थे। दो दिन के भीतर जांच सौंपने का जिम्मा डीएसपी करसोग रामकरण को दिया गया। लेकिन अवकाश पर होने के चलते जांच पधर के डीएसपी मदनकांत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस मामले में पारदर्शिता से जांच कर रही है। वीरवार को इस केस से संबंधित दोनों पक्षों के बयान लिए गए हैं। इसमें एसएचओ थाना जंजैहली समेत ड्यूटी पर तैनात स्टाफ, बीएमओ, चिकित्सक व स्टाफ नर्स के बयान दर्ज किए गए हैं।
तो 108 और मोबाइल पर कैसे मिल गया नंबर
पुलिस की प्रारंभिक जांच में मोबाइल सिग्नल वीक होने की बात भी सामने आ रही है। लेकिन प्रश्न उठ रहा है कि यदि मोबाइल सिग्नल वीक था या नहीं था तो स्टाफ का फोन 108 एंबुलेंस सेवा और चिकित्सक के फोन पर कैसे मिल गया। हालांकि पुलिस जांच कर रही है।