आई 1 न्यूज़ 15 जनवरी 2018 (अमित सेठी) आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स की तरफ से सोमवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता की गयी। जिस में केन्दिर्य सरकार के ऊपर बैंक अफसरों की तरफ से आरोप लगाए गए। उनका कहना है के केन्दिर्य सरकार की तरफ से बैंक और बैंक में काम करने वाले लोगो को नजर अंदाज कर निजी लाभ के लिए का किये जा रहे है। जिस में उन्होंने सरकार का सबसे बड़ा कदम नोटबंदी और देश में जनधन योजना के तहत खोले जानेवाले 31000 करोड़ खातों को ही संदेह के घेरे में ला कर खड़ा कर दिया। बैंक ऑफिसर्स ने बताया के सरकार बैंको के काम करने के तरीके और बैंको की तरफ से दिए जाने वाले लोन को सुरक्षित करने की बजाये कई हजार करोड़ के लोन लेनेवाले बड़े व्यापारिक घरानो को सुरक्षित बना रही है। उनके दिवालिए होने के साथ बैंको की संपति भी डूब जाती है। जिस का सबसे बड़ा उदहारण विदेश भाग चूका विजय मालिआ है। पिछले 25 साल से सरकारे व्यापारिक घरानों के लिए सोच रही है न के छोटे किसानो , व्यापारी , स्टूडेंट्स ,उद्यमी के लिए भी सरकार को सोचना चाहिए।
बैंक ऑफिसर्स यूनियन के जनरल सेक्रेटरी डी थॉमस फ्रैंको ने मीडिया को बताया के
केन्दिर्य सरकार की तरफ से जो जनधन खाते खोले गए है उस कारण बैंक बहुत बड़े घाटे में चले गए है। 31000 करोड़ खाते खोले गए है जो के मुफ्त में खोले गए और कोई भी कम बैलेंस उनके लिए जरुरी नहीं किया गया।
नोटबन्दी के कारण बैंक के कर्मचारीओ को तीन महीने ओवर टाइम करना पड़ा। बैंक में जो जमा हुए व पर ब्याज भी देना पड़ा। लेकिन बैंको का कोई भी फयदा नहीं हुआ। जिस कारण बैंको को लगभग 20000 करोड़ का एक और घाटा झेलना पड़ा। पिछले कुछ हफ्तों से केन्दिर्य सरकार पर ऊँगली उठी थी के जो लोगो का पैसा बैंक में जमा है वो सुरक्षित नहीं है। यह बात सच है क्योंकि बैंको की तरफ से फाइनेंसियल रेसोलुशन और डिपोर्ट बिल का लगातार विरोध किया जा रहा है। अगर उस बिल में एक क्लॉज़ बनाया गया है
बेल इन ‘ अगर यह क्लॉज़ नहीं होगा तो पब्लिक का पैसा सेफ रहेगा। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से जो पालिसी बनाई गयी है वो बैंको के लिए खतरनाक है और बैंको की कार्य प्रणाली कमजोर कर रही है। बैंको का लोन भी सुरक्षित नहीं रह सकता। बैंक डूब जायेंगे। इस लिए बैंक प्रांप्ट करेक्टिव बिल का विरोध कर रहे है। बैंको और बैंक कर्मचारीओ के फायदे के बिल भी फाइनेंस मिनिस्टरी और पार्लियामेंट में पास नहीं हो रहे है जिस कारण हम लोग एक मूवमेंट चला रहे है और सरकार का विरोध शुरू किया जाएंगे। इस बारे में जल्दी ही कोई रणनीति बनाई जाएगी।