asd
Friday, November 22, 2024
to day news in chandigarh
Homeचंडीगढ़अमित शाह की रैली पर हंगामा,टेंशन में आ गई खट्टर सरकार

अमित शाह की रैली पर हंगामा,टेंशन में आ गई खट्टर सरकार

15 फरवरी को हरियाणा में अमित शाह की रैली पर ‘बवाल’ की स्थित, क्योंकि जाटों ने रैली का विरोध करने को ऐसा ऐलान किया है कि सरकार टेंशन में आ गई है। जाटों ने अमित शाह के हेलीकॉप्टर को घेरने का ऐलान किया है। इसलिए अमित शाह की जींद में बाइक रैली और इसी दिन यशपाल मलिक की भाईचारा न्याय यात्रा रैली के मद्देनजर केंद्र और प्रदेश सरकारें सतर्क हो गई हैं।

जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज करीब 85 मुकदमों को प्रदेश सरकार की ओर से वापस लेने के बावजूद जाट समाज अमित शाह की रैली का विरोध करने पर अड़ा हुआ है। उनका साफ कहना है कि यदि उनकी सभी मांगें नहीं मानी गईं तो शाह की रैली नहीं होने देंगे। वहीं, सरकार इससे अधिक मांगें मानने को तैयार नहीं दिख रही है। ऐसे में टकराव की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में हालात से निपटने के लिए आला अधिकारी सक्रिय हो गए हैं।

अमित शाह के हेलिकॉप्टर को घेरेंगे ट्रैक्टर सवार जाट
जींद रैली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हेलीकॉप्टर को ट्रैक्टरों से घेरने की तैयारी अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने कर ली है। अमित शाह से कहा जाएगा कि पहले हरियाणा की समस्या सुनें, उसके बाद रैली में वोट मांगें। हरियाणा के सभी जिलों के जाट समाज से ट्रैक्टर पर सवार होकर जींद रैली में पहुंचने की अपील की गई है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बुधवार को गांव जसिया स्थित चौधरी छोटूराम धाम में रोहतक के आठ सेक्टरों के पदाधिकारियों के साथ पंचायत की।

उन्होंने कहा कि 15 फरवरी को अमित शाह की जींद रैली में इतने ट्रैक्टर होने चाहिए कि हेलीकॉप्टर से सिर्फ ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर दिखें। इस ट्रैक्टर रैली को भाईचारा न्याय यात्रा का नाम दिया गया है। यशपाल मलिक ने कहा कि हमारा मकसद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की रैली को रोकना नहीं बल्कि अपनी बात उन तक पहुंचाना ही है। उनसे पूछना है कि केंद्र के साथ हुए समझौते को प्रदेश के मुख्यमंत्री पूरा क्यों नहीं कर रहे है, वह भाजपा के ही मुख्यमंत्री है या नहीं।

जब भाजपा सरकार गुजरात में पटेल आंदोलन और उत्तर प्रदेश में दंगों के दौरान हुए मुकदमों को वापस ले सकती है तो जाट आंदोलन के मुकदमों के वापस लेने में देरी क्यों हो रही है। यहां तक कि राष्ट्रीय सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग बिल भी अभी तक संसद में पास नहीं हो सकता है।

सरकार ने मांगी पैरामिलिट्री की 25 कंपनियां

दूसरी ओर, स्थिति को भांपते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले से ही अलर्ट हो गया है। केंद्रीय गृह सचिव ने बुधवार शाम नई दिल्ली में हरियाणा की कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उच्च स्तरीय बैठक ली। इसमें हरियाणा के गृह सचिव एसएस प्रसाद बुलाए गए थे।

प्रसाद ने केंद्रीय गृह सचिव को ताजा स्थिति से अवगत कराया और सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। गृह सचिव एसएस प्रसाद ने केंद्र सरकार से हरियाणा को अर्ध सैनिक बलों की कंपनियां मुहैया कराने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार 24 से अधिक कंपनियां मांगी गई हैं।

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे को लेकर किए गए सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा भी की है। चूंकि, जाट समुदाय शाह की रैली के दिन ही समानांतर रैली को लेकर ताकत झोंके हुए है और अधिक से अधिक भीड़ जुटाने की तैयारी की जा रही है।

इसके इनपुट खुफिया एजेंसियों ने हरियाणा सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को मुहैया कराए हैं। इसे देखते हुए केंद्र और हरियाणा सरकार सतर्कता बरत रहे हैं। 15 फरवरी को रैली के दिन और 18 फरवरी को बलिदान दिवस के दिन दोनों ही सरकारें राज्य में किसी तरह की अशांति नहीं चाहतीं।

यशपाल मलिक ये कहते हैं

यशपाल मलिक की जसिया रैली
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक कहते हैं कि मुख्यमंत्री की ओर से उनकी मांगों को मान लेने का दावा झूठा है। वह झूठ बोलकर धोखा दे रहे हैं। सिर्फ ऐसे ही मुकदमों को वापस लिया गया है, जो गंभीर प्रकृति के नहीं थे। इन केसों में लोगों को फंसाया गया था। जिन लोगों पर गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं, उनके मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं।

अभी तक जाट आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के सभी आश्रितों को नौकरी भी नहीं दी गई है। हाईकोर्ट ने सरकार से क्वांटीटेटिव डेटा मांगा है, जिसे सरकार ने उपलब्ध नहीं कराया है। पिछले वर्ष अगस्त में उनकी रैली के दौरान सैमण में उन पर हमला करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, हमलावरों के साथ मुख्यमंत्री मुलाकात करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बदलेगी तो उनपर हुए हमले की जांच के दायरे में मुख्यमंत्री भी आएंगे।

अगर मुख्यमंत्री मांगे मान लीं होतीं तो जाट समाज को आंदोलन ही नहीं करना पड़ता। जींद में 15 फरवरी को अमित शाह की रैली का विरोध करने पर उनका कहना था कि समिति का मकसद सिर्फ अपनी बात को अमित शाह तक पहुंचने का है। जाट समाज के साथ जिन मांगों पर समझौता हुआ है, उसे लागू कर दिया जाए बस। शाह अगर नहीं मिलते हैं तो समिति 18 फरवरी को जसिया में बलिदान दिवस का आयोजन कर रही है।

ये कहना है अफसरों का

सामाजिक सौहार्द कायम रखने के लिए उठा रहे कदम
गृह सचिव एसएस प्रसाद ने कहा कि सामाजिक सौहार्द कायम रखने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं। 15 फरवरी को रैलियों और 18 तारीख को जाट बलिदान दिवस के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा सरकार ने केंद्र से अर्धसैनिक बल मांगे हैं। लोगों से वह शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हैं। मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया काफी समय पहले से चली आ रही थी। रैली या जाटों के बलिदान दिवस के एलान से मुकदमे वापस लेने का संबंध नहीं है।

हर गतिविधि पर नजर, कोई भी हाथ में न ले कानून
डीजीपी बीएस संधू ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है। हर गतिविधि पर नजर है, कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में न ले। अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। प्रयास है कि शांति बनी रहे और जाट सौहार्दपूर्ण तरीके से बलिदान दिवस मनाएं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments