कोटी जंगल में हुई सैकड़ों पेड़ों के अवैध कटान मामले में अब बड़े अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। इस मामले में विभाग की ओर से गठित जांच कमेटी की जांच को वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की ओर से लौटाने के बाद अब जांच नए सिरे से होगी।
मंत्री ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं कि अगर फॉरेस्ट गार्ड और डिप्टी रेंजर लापरवाही बरत रहे थे तो रेंजर स्तर के अधिकारी और डीएफओ क्या करते रहे। मंत्री ने उनकी भूमिका की भी जांच करने को कहा है।
पीसीसीएफ स्तर के अधिकारी की जांच में हुआ ये खुलासा
दरअसल, पीसीसीएफ स्तर के अधिकारी की जांच में यह बात सामने आई थी कि करीब दस साल से उस क्षेत्र में पेड़ काटे जा रहे थे। जांच के दौरान 416 ठूंठ ऐसे मिले जो पांच साल तक पुराने थे, जबकि 137 ऐसे ठूंठ भी मिले जो दस साल तक पुराने बताए जा रहे हैं।
इतनी बड़ी संख्या में इतने ठूंठ मिलने के बाद भी जांच कमेटी ने सिर्फ दो डिप्टी रेंजर और एक रिटायर्ड फॉरेस्ट गार्ड की गलती बता आला अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया।
लेकिन जब मंत्री के पास जांच रिपोर्ट पहुंची तो उन्होंने फिर से जांच करने के लिए वापस लौटा दी। सूत्रों की मानें तो मामले में डीएफओ व रेंजर स्तर के कम से कम चार अधिकारी जांच की जद में आ सकते हैं।