गणतंत्र दिवस में लगातार दूसरी बार हिमाचल की झांकी देखने को मिली है। राजपथ पर कीह गोंपा की इस झांकी को आसियान देशों के प्रमुखों समेत पूरी दुनिया ने देखा। इससे लाहौल-स्पीति समेत पूरे हिमाचल में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को पंख लग सकते हैं।
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के काजा के पास स्थित कीह गोंपा बौद्ध धर्म के गेलुग संप्रदाय से संबंधित है। यह गोंपा तिब्बत और भारत की सदियों पुरानी सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को संजोए हुए है। समुद्रतल से करीब 4500 मीटर की ऊंचाई यह मठ एक टीले पर है।
यहां करीब 300 भिक्षु-भिक्षुणियां बौद्ध धर्म की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह मठ विदेशी शोधार्थियों का भी केंद्र है। महान अनुवादक रिंचेन जंगपो के अवतारी लामा इस मठ के मठाधीश रहे हैं। वर्तमान में मठाधीश टीके लोचेन टुलकू को रिंचेन जंगपो का 19वां अवतारी लामा माना जाता है।