श्री रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र का एक मात्र सिविल अस्पताल ददाहू चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। वर्तमान में इस अस्पताल मे केवल दो डॉक्टर ड्यूटी दे रहे हैं। इनके कोर्ट केस या छुट्टी मे चले जाने से सारा बोझ एक डॉक्टर पर पड़ जाता है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। इस अस्पताल में शनिवार को मात्र एक दिन अल्ट्रासाउंड होता था, लेकिन अब इस सुविधा से भी मरीज वंचित हो गए हैं। केंद्र सरकार की जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड अब यहा नहीं होते। इन्हें 36 किलोमीटर दूर नाहन जाना पड़ता है। ददाहू अस्पताल लगभग 25 से अधिक पंचायतों का केंद्र बिंदू है। पिछले दो वर्ष से अल्ट्रासाउंड की सुविधा यहा मरीजों को नहीं मिल रही है। इसका कारण नाहन मेडिकल कॉलेज बनने के बाद सीएमओ स्तर पर होने वाली इस तरह की डेपूटेशन को बंद करना है। इस सिविल अस्पताल को 50 बिस्तर का बनाया गया है, मगर इसमें 35 बिस्तर भी नहीं हैं। मरीजों को अब नाहन, पावटा तथा अन्य निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। यही नहीं यहा पर नियुक्त एकमात्र पिडियाट्रिक्स डॉ. योगेश का भी डेपूटेशन प्रदेश सरकार द्वारा नाहन को कर दिया गया है। इसके चलते शिशुरोग विशेषज्ञ की यह सुविधा भी यहा से खत्म हो गई है। इसके अलावा अस्पताल के लिए स्वीकृत कुल आठ चिकित्सकों में से यहा वर्तमान में केवल दो ही तैनात हैं, जबकि प्रतिदिन 150 तक ओपीडी अस्पताल में होती है। ददाहू पंचायत की प्रधान शकुंतला देवी, अरुण अग्रवाल, वरिष्ठ नागरिक एवं पेंशनर्स सभा ददाहू के अध्यक्ष हरिराम शर्मा, सीआर वर्मा, धर्मपाल परमार ने प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग से यहा पर चिकित्सकों की नियुक्ति करने और अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुहैया करवाने की माग की है।
सीएमओ सिरमौर डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि जिले में कहीं भी रेडियोलोजिस्टनहीं है। नाहन मेडिकल कॉलेज में रेडियोलोजिस्ट है, वहा से डेपूटेशन नहीं कर सकते हैं।