हिमाचल में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है। जयराम सरकार निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए आयोग गठित करेगी। हर साल मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है।
आयोग गठित करने के लिए दूसरे राज्यों के प्रावधान स्टडी किए जा रहे हैं। जल्द ही इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी। उधर, हाईकोर्ट भी निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए कई बार आदेश कर चुका है।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के मुताबिक निजी स्कूलों की मनमानी की बहुत शिकायतें आई हैं। हर साल फीस में भारी बढ़ोतरी कर निजी स्कूल अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसेगी और इसके लिए निजी स्कूलों को नियामक आयोग के दायरे में लाया जाएगा। कई राज्यों ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने को कानून बनाए हैं और उन कानूनों को स्टडी कर यहां भी शिकंजा कसा जाएगा। उन्होंने कहा कि नया आयोग बनाने या शिक्षा नियामक आयोग के दायरे में निजी स्कूलों को लाने के लिए जल्द फैसला लिया जाएगा।
फीस निर्धारण का अभी कोई प्रावधान नहीं
हिमाचल में निजी स्कूलों की फीस निर्धारित करने के लिए अभी कोई भी प्रावधान नहीं है। प्रदेश में चाहे किसी भी दल की सरकार रही हो, निजी स्कूलों के आगे सब नतमस्तक हैं। शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की फीस तय करने के लिए किसी भी तरह की नियमावली नहीं बनाई है।
हर साल फीस बढ़ने पर कुछ स्कूलों में अभिभावक जरूर विरोध करते हैं लेकिन स्कूलों के खिलाफ लिखित में शिकायत का दम नहीं भर पाते हैं। इसका फायदा उठाते हुए निजी स्कूल साल दर साल फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी करते हैं।
शिक्षा निदेशालय के पास नहीं नीति
शिमला। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान अधिनियम 1997 को लेकर उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालयों ने अभी तक कोई भी पुख्ता नीति तैयार नहीं की है। निजी स्कूलों से निदेशालय फीस स्ट्रक्चर के बारे में जानकारी तक नहीं लेता है। उच्च शिक्षण संस्थानों पर तो राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने काफी हद तक लगाम कसी है लेकिन निजी स्कूलों को लेकर सरकार और अफसरशाही का रवैया स्पष्ट नहीं है।